पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर व इलाहाबाद के लिए पथ विक्रेता प्लान तैयार करने का फैसला किया गया है।केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्र में रेहड़ी व पटरी पर दुकान लगाने वाले वेंडरों की परेशानी दूर करने के लिए ‘पथ विक्रय अधिनियम-2014’ लागू किया था।
प्रदेश सरकार ने भी इसे अपनाते हुए उप्र पथ विक्रेता (जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनिमय) नियमावली को मंजूरी दी। इसे नगर विकास विभाग ने 10 मई 2017 को लागू कर दिया था। लेकिन करीब डेढ़ साल बाद भी लखनऊ समेत 30 शहरों में ‘शहरी पथ विक्रेता प्लान’ नहीं बन पाया और ‘नगर पथ विक्रय समिति’ (टीवीसी) का भी गठन नहीं हुआ।
खास तौर पर राजधानी लखनऊ में इस नियमावली के मुताबिक कार्रवाई न होना सरकारी मशीनरी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है। पिछले दिनों दिल्ली में हुई समीक्षा केदौरान केंद्र सरकार ने लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, आगरा व कानपुर में पथ विक्रेताओं का प्लान तैयार नहीं होने पर सख्त नाराजगी जताई थी। साथ ही निर्देश दिया था कि पहले इन पांच प्रमुख शहरों में यह योजना लागू कराई जाए। इसके बाद निदेशक सूडा उमेश प्रताप सिंह ने राज्य शहरी आजीविका मिशन द्वारा संचालित होने वाली इस नियमावली के मुताबिक काम पूरा करने केलिए समय सीमा तय कर दी है।
यहां देखें, इन निकायों के लिए भी बनेगा प्लान

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