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लेदर इंस्टीट्यूट की टॉपर को केवल 6000 रुपये की नौकरी, दीक्षांत समारोह में जमकर हंगामा

लेदर इंस्टीट्यूट की टॉपर को केवल 6000 रुपये की नौकरी, दीक्षांत समारोह में जमकर हंगामा

प्लेसमेंट न होने और कम पैकेज मिलने से नाराज विद्यार्थियों ने गवर्नमेंट लेदर इंस्टीट्यूट, कानपुर के दीक्षांत समारोह में जमकर हंगामा किया। टॉपर्स, डिप्लोमा होल्डर्स और अन्य छात्रों ने संस्थान और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लेदर टेक्नोलॉजी ब्रांच की टॉपर दिव्या विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें केवल छह हजार रुपये की नौकरी मिली है। यह नौकरी भी उन्हें खुद के प्रयास से मिली। इंस्टीट्यूट में इस बार कैंपस प्लेसमेंट ही नहीं हुआ। इसी तरह फुटवियर टेक्नोलॉजी की टॉपर उर्वशी विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें आठ हजार रुपये की जॉब ऑफर हुई थी लेकिन उन्होंने ज्वाइन नहीं किया। अब वह बीटेक करेंगी। सबसे अधिक पैकेज पीजीडीए के टॉपर रवि को मिला है। उन्हें 12 हजार रुपये प्रतिमाह का पैकेज दिया गया।लेदर इंस्टीट्यूट की टॉपर को केवल 6000 रुपये की नौकरी, दीक्षांत समारोह में जमकर हंगामा

सभी लैब भी बंद रहती हैं

छात्रों ने लगाया आरोप, यहां का डिप्लोमा देखकर कंपनियां देती हैं लेबर का काम
गुरुवार को आयोजित दीक्षांत समारोह के बीच ही बड़ी संख्या में छात्र कार्यक्रम छोड़कर मुख्य गेट पर पहुंच गए और जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। छात्रों का कहना था कि यह ऐसा कैंपस है जहां न तो प्लेसमेंट की सुविधा मिलती है और न ही कुछ पढ़ाया जाता है। सभी लैब भी बंद रहती हैं। छात्रों ने कहा कि वह जब खुद कोशिश करके नौकरी के लिए कंपनियों में जाते हैं तो यहां का डिप्लोमा देखकर उन्हें लेबर का काम दिया जाता है। पांच से दस हजार रुपये की नौकरी दी जाती है। प्रदर्शन के दौरान निखिल द्विवेदी, अजय मिश्रा, नीरज विश्वकर्मा, मोहसिन हसन, चंद्रप्रकाश, जय मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे।

इंस्टीट्यूट में बनी टेनरी भी हुई बंद
छात्रों ने सरकार को भी आड़े हाथों लिया। कहा कि सरकार रोज कौशल विकास की बातें करती है और छात्र लेदर के क्षेत्र में कुशल होकर भी नौकरी नहीं हासिल कर पा रहे हैं। छात्रों ने बताया कि इंस्टीट्यूट में छात्रों को लेदर टेक्नोलॉजी की प्रायोगिक जानकारी देने के लिए स्थापित हुई टेनरी भी बंद हो गई है।

प्रिंसिपल बोलीं, शासन को दी जाएगी जानकारी
प्रधानाचार्य डॉ. रिचा ने प्लेसमेंट न होने की बात स्वीकार की। कहा कि अभी उन्हें पद संभाले हुए तीन माह ही हुए हैं। जब उन्हें प्लेसमेंट का रिकॉर्ड मालूम चला तो उन्होंने इसकी समीक्षा की। टेनरी और लेदर इंडस्ट्री से जुड़ीं कंपनियां अपनी समस्याओं का हवाला देते हुए छात्रों को अच्छा पैकेज नहीं देती हैं। हालात तो यह है कि प्लेसमेंट पाने वाले छात्रों को जॉब लेटर भी नहीं मिलता। मतलब छात्र कंपनियों में आधिकारिक तौर पर काम भी नहीं करते हैं। इन सब अव्यवस्थाओं से शासन को अवगत कराया जाएगा। आगे कैसे स्थिति सही हो, इसके लिए उन्होंने खाका बनाना शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि अगले साल तक कुछ बेहतर हो सके।

स्पोर्ट्स सर्टिफिकेट भी नहीं मिला
छात्रों ने बताया कि उनमें से कई ने जोनल और स्टेट लेवल स्पोर्ट्स चैंपियनशिप में संस्थान की तरफ से प्रतिभाग किया था। उसका भी सर्टिफिकेट उन्हें नहीं दिया गया। छात्रों का आरोप है कि इंस्टीट्यूट प्रशासन जानबूझकर उन्हें परेशान कर रहा है।

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