Saturday , January 4 2025

वर्चस्व की लड़ाई में यात्री नही जाते “कांटी” स्टेशन

vvमुजफ्फरपुर। गैंगवार और वर्चस्व की लड़ाई की बात आपने ज्यादातर मेट्रोपॉलिटन शहरों में सुनी होंगी. हम आपको बताते हैं बिहार के एक ऐसे रेलवे स्टेशन की कहानी जहां मची लूट और गैंगवार ने लोगों को वहां जाना ही छुड़ा दिया .जी हां, बात मुजफ्फरपुर के रेलवे स्टेशन “कांटी” की हो रही है. इस स्टेशन पर दिन-दहाड़े लूट और वर्चस्व की एक ऐसी लड़ाई चल रही है, जिसने यात्रियों को स्टेशन से तो दूर किया ही, साथ ही उन्हें दहशत में रहने को मजबूर कर दिया है।

काँटी स्टेशन, भारत सरकार के रेलवे का है l यहां जो माल उतरता है, वह व्यापारियों और डीलरों का होता हैl स्टेशन पर उतरने वाला माल ही खूनी लड़ाई की मुख्य वजह है l रेलवे के रैक प्वाइंट को लेकर यहां दर्जनों बार गोलियां चली, खून हुए व लूट मची जिससे आम लोगों ने इस स्टेशन पर आना छोड़ दिया l अब तो स्टेशन को उड़ाने की धमकी भी गाहे-बगाहे मिल रही है l 2013 के अंत में तत्कालीन विधायक के प्रतिनिधि मुरारी झा ने अपनी पहुंच के बदौलत कांटी में एनटीपीसी, डीसीपीएल और एमसीपीएल के लिये प्राइवेट रैक प्वाइंट की शुरूआत करवाई।

मुरारी झा ने बिहार और दिल्ली की सत्ता में अपनी पहुंच का लाभ उठाकर मजदूर आपूर्ति और कोयला और गिट्टी उतरवाने का ठेका ले लिया l इस काम में इतना पैसा था कि कुछ ही दिनों में मुरारी के साथ श्याम किशोर और कमलेश राय जुड़ गये और अपना दबदबा रैक प्वाइंट पर कायम कर लिया l इस स्टेशन के लिये काल बनी प्रति ट्रैक्टर होनी वाली 250 रुपये की वसूली l बाद में मुरारी ने दोनों पार्टनर को अलग कर दिया और श्याम किशोर पर गोली चलायी गयीl गोलीबारी के बाद श्याम किशोर ने नया गैंग तैयार किया और मुरारी झा को पिटवाने के साथ हत्या की धमकी दी l बाद में श्याम किशोर ने रैक प्वाइंट पर कब्जा कर लिया ।

एक बार फिर श्याम किशोर और उसके गुर्गों में पैसे के बंटवारे को लेकर तानातानी हुई और कांटी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ l मौके का फायदा उठाकर शांत पड़े मुरारी ने एक बार फिर श्याम किशोर के लोगों को अपने पाले में कर लिया l कमजोर हुए श्याम किशोर ने एक नया दाव खेला और गांव के ही एक दबंग जितेंद्र को अपने पाले में कर लिया l जितेंद्र के पास ट्रैक्टर थे जिसका पेमेंट मुरारी के गुर्गे धमेंद्र ने देने से इनकार कर दिया और उसके ट्रैक्टर को रैक प्वाइंट से हटा दिया l बाद में जितेंद्र की पिटायी करवायी गयी और उसके बाद पंचायत और पुलिस के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ।

इधर बौखलाए श्याम किशोर ने मुरारी के आदमी धमेंद्र की हत्या की सुपारी दी। उसके बाद रैंक की लूट में शामिल डंफर मालिक मुकेश झा (चीकू झा ), रंजन कुमार (रंजय सिंह ) जो मीनापुर प्रखंड के तत्कालीन उप प्रमुख थे और मुरारी झा का संगठित गिरोह तैयार हुआ और शुरू हो गया हत्या का एक और दौर l दोनों गुटों ने एक दूसरे के गुट के लोगों की कई हत्याएं की पर अलग-अलग, भूल कर भी मामले को रैक पॉइंट से नहीं जुड़ने दिया।

इस बीच धर्मेंद्र यादव ने अपने साथियों के साथ मुकेश झा पर जानलेवा हमला किया जिसमें मुकेश झा का हाथ और पैर तोड़ दिया गया l साथ ही बीच बचाव करने गये रंजन कुमार को भी गंभीर चोटे लगीं l इसी बीच विधान सभा चुनाव आ गया और चुनाव की आड़ में कृपाशंकर शाही पर गोली चलवाई गयी। कांटी थाना क्षेत्र के एक नहर से दो लोगों की संदेहास्पद अवस्था में लाश पायी गयी । कई लोग गोलियों से घायल हुए और कई को गंगा-लाभ मिला जो गुमशुदा बनकर रह गए।

29 दिसम्बर 2015 के अहले सुबह घर से टहलने निकले धर्मेंद्र यादव की शेरना नहर के समीप सड़क पर घेरकर हत्या कर दी गयी जिसमें मुरारी झा को अपराधियों का संरक्षक बताया गया । लोगों ने सड़क जाम कर आगजनी की स्थानीय शिवपूजन ठाकुर के होटल को जलाया गया और आरोप लगा की इसी होटल पर धर्मेंद्र के हत्या का ताना बाना बुना गयाम l हत्या के बाद तत्कालीन एसएसपी के आदेश पर कई गिरफ्तारियां भी हुयी, पर रैक पॉइंट का खूनी संघर्ष आज भी जारी है और रेलवे की लापरवाही भी जारी है l अपराधियों ने पत्र लिखकर स्टेशन को उड़ाने की धमकी भी दे डाली पर सारा करामात बदस्तूर जारी है ।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com