
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अगर भारत को विकास करना है तो उसे कानूनों में बदलाव लाने, अनावश्यक प्रक्रियाओं को समाप्त करने की और प्रकियाओं में तेजी लाने के लिए प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत है।
ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया पर आधारित नीति आयोग के व्याख्यान श्रृंखला की शुक्रवार को यहां शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को यदि परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करना है तो उसके लिए केवल क्रमिक प्रगति काफी नहीं है, इसके लिए कायापलट जरूरी है।
भारत में तेजी से बदलाव लाने के लिए अपने दृष्टिकोण को साक्षा करते हुए उन्होंने कहा, ” यही वजह है कि मेरी सोच भारत में ते़जी से बदलाव लाने से जुड़ी है कि न की क्रमिक विकास से”। राजकाज में बदलाव के जरिए परिवर्तन लाने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ”19वीं सदी की प्रशासनिक प्रणाली के जरिए यह संभंव नहीं हो सकता। हमें कानूनों में बदलाव लाने होंगे, अनावश्यक प्रक्रियाओं को समाप्त करने की और प्रकियाओं में तेजी लाना होगा। इसके लिए हमें प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देना होगा”।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 30 साल पहले एक देश किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए स्वयं सक्षम था लेकिन आज देश एक दूसरे पर निर्भर और आपस में जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अकेला प्रगति नही कर सकता। नए विचारों पर सामूहिक रूप से अमल करने की जरूरत है। प्रत्येक देश के पास अपने अनुभव, संसाधन और ताकत हैं।
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