मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के मौके पर शाही स्नान (Holy Dip) के साथ ही प्रयागराज (Prayagraj)में कुंभ का शंखनाद हो गया है। कड़ाके की सर्दी में अलग-अलग अखाड़ों के साधु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। हर तपस्वी की यही इच्छा होती है कि वो धर्म के सबसे बड़े मेले में संगम तट पर शाही स्नान का हिस्सा बनें। ऐसे में सालों बाद जब ये मौका आया तो कड़ाके की ठंड को भी मात देते हुए संन्यासियों ने शाही स्नान किया।
पूरे धूमधाम से शोभा यात्रा निकालते हुए निरंजनी और आनंद अखाड़े के साधु संतों ने संगम तट पर शाही स्नान किया। केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है। वह भी इस पावन पर्व पर कुंभ के शंखनाद की साक्षी बनीं।
- कुंभ के प्रथम शाही स्नान पर्व मकर संक्रांति पर मंगलवार दोपहर 12 बजे तक लगभग 85 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई।
- कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि संगम स्नान रात्रि लगभग ढाई बजे शुभ मुहूर्त से शुरू हो गया। अनुमान है कि शाम तक लगभग सवा करोड़ लोग स्नान करेंगे।
- कुंभ मेला के सेक्टर 3 स्थित यात्री विश्रामालय में 200 रुपये वसूली का आरोप। जो नहीं दे पाए उन्हें खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ी।
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- जूना अखाड़ा में शामिल किन्नर अखाड़ा ने सन्यासियों ने संगम पट पर शाही स्नान किया
कहते हैं कि इस दिन सभी हिंदू देवता स्वर्ग से संगम पधारे थे और इसी दिन कल्पवास व्रतधारी स्नान कर अपना व्रत पूर्ण करते हैं। इस दिन बहस्पति गुरु की भी पूजा की जाती है। कुंभ मेले का आखिरी स्नान महा शिवरात्रि के दिन होगा 4 मार्च को है। एेसा माना जाता है कि इस दिन का देवलोक में भी इंतज़ार रहता है।
12 करोड़ लोगों के आने का अनुमान
इस बार कुंभ में 12 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है, ऐसे में करोड़ों लोगों की सुविधा और सुरक्षा का ख्याल रखते हुए ज़बरदस्त बंदोबस्त किए गए हैं, इनमें संगम तट पर बना अस्थाई अस्पताल लाजवाब है, इसमें 100 बेड लगाए गए हैं, वो बेहद आधुनिक हैं। अब तक इस अस्पताल में 10 हज़ार लोगों को ओपीडी के ज़रिए इलाज किया जा चुका है। इस बार कुंभ (Kumbh Mela) में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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