अब सरकार शेल कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है .इसके तहत जिन कंपनियों का टर्नओवर पिछले दो साल में शून्य रहा है, उनका पंजीयन रद्द किए जाने की तैयारी में है .कम्पनी मामलों का मंत्रालय कंपनीज एक्ट की धारा 248 के प्रावधानों का उपयोग करने का विचार कर रही है .
इस बारे में सूत्रों का कहना है कि इस कानून के कुछ प्रावधानों के तहत सरकार को कंपनियों को बंद करने का अधिकार है.दो साल तक कोई कारोबार नहीं होना का कारण कार्रवाई के लिए काफी है . सरकार ऐसी कंपनियों को एक माह का नोटिस देकर जवाब मांगेगी .यदि जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो सरकार इन्हें बंद कर सकती है. सरकार की इस कार्रवाई से उन फर्जी कारोबारियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है. अब वे अपनी काली कमाई को ऐसी फर्जी कंपनियों में निवेश नहीं बता सकेंगे . इससे काला बाजारी रुकेगी और काले धन पर रोक लगेगी.
उल्लेखनीय है कि सरकार अब तक रिटर्न फाइल नहीं करने वाली 2.25 लाख कंपनियों का पंजीयन रद्द कर चुकी है. इस नई कार्रवाई के तहत सरकार कारोबार नहीं करने वाली कंपनियों को बंद करेगी. सूत्रों की मानें तो यह संख्या 3-4 लाख तक हो सकती है. जो करीब तीस प्रतिशत हो रही है .