लखनऊ। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा किसहारनपुर का जातीय दंगा भी षडयंत्र के तहत् कराया गया और इसके परिणामस्वरूप जो जान-माल की हानि हुई उस मामले में भी बीजेपी सरकार किसी भी तबके के साथ न्याय नहीं कर पायी, जिससे दोनों ही तबकों में शासन-प्रशासन के खिलाफ रोष है।
बीजेपी सरकार का रवैया अगर प्रारंभ मेें ही न्यायपूर्ण हो कर लचर व बैलेन्स करने वाला नहीं होता तो सहारनपुर के शब्बीरपुर का मामला कभी भी इतना तूल नहीं पकड़ता और ना ही कानून-व्यवस्था की स्थिति इतनी ज्यादा खराब होती और ना ही लोग पलायन करने को मजबूर होते।
सहारनपुर की दुर्भाग्यपूर्ण जातीय घटना अभी तक नहीं थम पा रही है क्योंकि बीजेपी सरकार सही पीडि़तों के साथ न्याय नहीं कर पा रही हैं। असली भाजपाई षडयंत्रकारी कानूनी शिकंजे से बाहर हैं और सरकारी संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं जबकि उनका प्रतिरोध करने वाले लोगों पर पुलिस व प्रशासन अनेकों प्रकार की सख्ती कर रहा हैं।
इससे स्थिति कैसे सामान्य हो सकती है? उत्तर प्रदेश में सर्वसमाज के लोगों से शान्ति, सद्भाव व भाईचारे की विशेष अपील करते हुये मायावती ने कहा कि अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था खराब होने का सबसे ज्यादा जान व माल का नुकसान निर्दोष ग़रीबों, मज़दूरों,
छात्रों व अन्य मेहनतकश लोगों का ही होता है, जबकि षडयंत्रकारी लोगों को सरकार संरक्षण देती रहती है और अगर इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई होती भी है तो वह काफी ज्यादा लचर व केवल दिखावटी होती हैं। ऐसा ही अभी-अभी पेट्रोल पम्पों पर घटतौली करके जनता के हितों पर खुलेआाम डकैती करने वालों के मामले में यहाँ प्रदेश में देखने को मिला है। इसके अलावा मंत्रियों के लिये तो सात खून नहीं बल्कि सौ खून बीजेपी सरकारों ने माफ कर रखा हैं।
इस बैठक में महसूस किया गया कि आपसी नफरत, जातीय हिंसा, साम्प्रदायिक दंगा व तनाव आदि की घृणित राजनीति करने वाले तत्व आज उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार के सीधे संरक्षण में आ गये हैं और शासन-प्रशासन का खुलेआम ग़लत व पक्षपातपूर्ण इस्तेमाल होने लगा हैं जिस कारण प्रदेश में शान्ति, सद्भाव व आपसी भाईचारे का माहौल हर तरफ काफी ज्यादा बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है।
आपराधिक व साम्प्रदायिक तत्व एक प्रकार से बेलगाम हो गये हैं और सरकार मीडिया के माध्यम से केवल उन्हें धमकाने के अलावा उनका कुछ भी इलाज नहीं कर पा रही है। बैठक में पार्टी के लोगों को सावधानी के तौर पर कहा गया कि उत्तर प्रदेश में ’’जातिगत व राजनैतिक’’ द्वेष की भावना से कार्य कर रही वर्तमान बीजेपी की सरकार खासकर प्रदेश की ‘कानून-व्यवस्था’ व ‘अपराध नियन्त्रण’ के मामले में अभी तक काफी बुरी तरह से विफल रही है। आयेदिन जातीय हिंसा व निर्दोष लोगों पर जुल्म-ज्यादती भी बड़े-पैमाने पर हो रहे हैं तथा हर स्तर पर अपराध भी काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं।
उनहोंने कहा कि भाजपा सरकार पीडि़तों के साथ न्याय करने के बजाय उन्हें प्रताडि़त कर रही हैं, भाजपा शासित राज्यों व केन्द्र सरकार देश के करोड़ों बेआसरा ग़रीबों व मज़दूरों, बेसहारा बेरोजगारों एवं बेहाल किसानों से सम्बंधित जनहित व जनकल्याण की घोर उपेक्षा कर रही है.और सस्ती लोकप्रियता वाले कामों में ही सरकारी धन, ऊर्जा व समय को बर्बाद कर रही है।
मायावती ने कहा कि यही कारण है कि आज उत्तर प्रदेश में भी बीजेपी के नेताओं का विद्वेषपूर्ण, अहंकारी, जातिवादी व साम्प्रदायिक रवैया जारी है जिसकी वजह से प्रदेश में स्थिति सामान्य नहीं होकर हर तरफ हर प्रकार का केवल घृणित अपराध ही बोल रहा है तथा अस्पताल, थाने व सफाई तक का बुरा हाल है और इससे आमजनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है परन्तु बीजेपी के नेताओं व मंत्रियों द्वारा केवल खोखले सरकारी आश्वासनों व घोषणाओं का दौर अब भी अनवरत जारी है।
बीजेपी-शासित राज्यों में किसान वर्ग की घोर अनदेखी करते हुये उनके साथ काफी ज्यादा भेदभाव व जुल्म-ज्यादती की जा रही है, जिस कारण ख़ासकर मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र, आदि राज्यों में वे अपनी माँगों के समर्थन में आन्दोलन करने पर मजबूर हैं और पुलिस की लाठियाँ भी खा रहे हैं।
इस क्रम में मध्य प्रदेश के किसानों पर की गई फायरिंग और उसमें छह किसानों की हुई मौत अत्यन्त ही दुःखद व अति-निन्दनीय है। मायावती पार्टी मुख्यालय में शनिवार को प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों की अति-महत्वपूर्ण बैठक में जमीनी स्तर पर फीडबैक प्राप्त करने के बाद बैठक को सम्बोधित कर रही थी।
इस बैठक में प्रदेश में पार्टी संगठन की तैयारियों व पार्टी के जनाधार को सर्वसमाज में बढ़ाने के कार्यों की गहन समीक्षा की गई। इसके साथ-साथ प्रदेश में शहरी निकाय के चुनाव को बीजेपी सरकार द्वारा अचानक ही अनिश्चितकाल तक के लिये स्थगित कर देने की आलोचना करते हुये उन्होंने पार्टी के संगठन व जनाधार को बढ़ाने के सम्बन्ध में आगे की कार्रवाइयों के लिये कुछ ज़रूरी दिशा-निर्देश दिये।