महाराष्ट्र सरकार 1 अगस्त 2018 से सिनेमाघरों/मल्टीप्लैक्सेज में बाहर का खाना ले जाने की अनुमति दे रही है. खाद्य और सार्वजनिक वितरक मंत्री रविचंद्र चवन ने कहा कि जो थिएटर्स आदेश नहीं मानेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट में इस मामले में एक जनहित याचिका लंबित है. पीआईएल में कहा था कि ऐसा कोई कानूनी नियम नहीं है जिसके तहत लोगों को थिएटर में बाहर का खाना ले जाने से रोका जाए.
समाचार एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक याचिकाकर्ता ने कहा, “हमने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका डाली थी. मल्टीप्लेक्सेज में रोजाना लोगों को ह्यूमिलेट किया जाता है जब उनके बैग चेक किए जाते हैं और खाने का सामान बाहर फेंक दिया जाता है. ताकि मल्टीप्लेक्स 5 रुपये के पॉपकॉर्न 250 रुपये में बेच कर मुनाफा कमा सकें. हम इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के कदम की प्रशंसा करते हैं.
बता दें कि सरकार मल्टीप्लेक्स मालिकों से मिल कर इस बात पर चर्चा भी करेगी कि क्या खाद्य उत्पादों की कीमतों को फिक्स किया सकता है. मालूम हो कि तकरीबन सभी थिएटर्स में बाहर का खाना ले जाना प्रतिबंधित है और लोगों को मजबूरी में थिएटर कैंटीन का मंहगा खाना मनमानी कीमतों पर खरीदना पड़ता है. बॉम्बे हाई कोर्ट इस मामले में 25 जुलाई को सुनवाई करेगी जिसमें याचिकाकर्ता जनता के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद कर रहे हैं.
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