लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव फरवरी के पहले हफ्ते से हो सकते हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को इसके संकेत दिए। लोक भवन में किताब विमोचन कार्यक्रम के दौरान सीएम ने कहा, अगर मान लो फरवरी में चुनाव हैं, तो पांच महीने से भी कम समय है।
कुछ लोग चाहते हैं कि चुनाव पहले हो तो हम उसके लिए भी तैयार हैं।’ सीएम ने हॉल में नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं से कहा ‘नारे तभी अच्छे लगेंगे, जब 2017 में हमारी सरकार दोबारा बनेगी, इसलिए क्षेत्रों में जाकर सरकार की योजनाओं के बारे में बताएं।’
अखिलेश ने कहा, ‘जितने काम समाजवादी सरकार ने किए हैं, उतना किसी ने नहीं किया। काम में हम बहुत आगे हैं, इसलिए विरोधी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं है।’
‘यूपी द ग्रोथ फैक्ट्री’ समेत चार किताबों के विमोचन के दौरान सीएम ने कहा कि सरकार ने सभी वर्गों के लिए काम किया। सरकार ने संतुलन बनाया है। पहले गांव जाति के आधार पर तय होते थे, हमने आबादी के आधार पर गांवों का विकास किया। यही काम और नारे जनता के बीच पहुंच जाएं तो दोबारा समाजवादी पार्टी की सरकार होगी।
बुआ कहने पर खींच रहा था मायावती का वोट बैंक
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने बीएसपी सुप्रीमो पर निशाना साधा और कहा, उन्होंने बुआ कहने से इसलिए मना कर दिया, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका वोट हमारे पास सिखक रहा है। कम से कम मुख्यमंत्री तो अच्छा है कि उन्हें बुआ कह रहा है। बीजेपी पर उन्होंने कहा कि अच्छे दिन के नाम पर सरकार में तो आ गए, लकिन कोई काम नहीं किया।
हजरतगंज और ताजगंज जुड़ जाएंगे
सीएम ने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का कोई मुकाबला नहीं है। शनिवार को एक्सप्रेस-वे के रियल्टी टेस्ट का भी सीएम ने जिक्र किया। कहा, इस सड़क से हजरतगंज और ताजगंज जुड़ जाएंगे। आगरा से इटावा के बीच साइकल हाईवे भी नवंबर में शुरू हो जाएगा।
नारे पर ली चुटकी
सीएम ने हॉल में कार्यकर्ताओं के नारे लगाने पर चुटकी ली। उन्होंने कहा, नारे की तैयारी नहीं हुई थी, इसलिए नए नए नारे निकल रहे थे। एक कार्यकर्ता ने नारा लगाया, ‘अखिलेश भाइया कोहिनूर’। इस पर सीएम ने कहा कि कोहिनूर का इतिहास जानते होंगे, किस म्यूजियम में रखा हुआ है।
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