मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि एनडीए में कोई विवाद नहीं है और ना ही सीट शेयरिंग को लेकर जदयू को कोई मतभेद है। हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। चुनावी बातें चुनाव के समय देखी जाएंगी।
सीट शेयरिंग और चेहरे के विवाद पर नीतीश ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि यह मीडिया द्वारा फैलाया गया विवाद है और कुछ नहीं। पीएम मोदी को मिली धमकी पर कहा कि संबंधित एजेंसी को पूरे मामले जांच करनी चाहिए।
शराबबंदी कानून में होगा संशोधन
नीतीश ने कहा कि शराबबंदी कानून में हम संशोधन करना चाहते हैं और इसके लिए शराबबंदी एक्ट को लेकर हर बिंदु पर चर्चा की जा रही है। सभी बिंदुओं को देखते हुए हमने यह फैसला लिया है कि इस एक्ट में संशोधन होना चाहिए। इसके लिए अधिकारियों की कमिटी बनी है और उनकी रिपोर्ट के आधार पर कानून में बदलाव होगा।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी एक्ट में संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी अनुमति दे दी है। खैनी पर रोक मामले पर उन्होंने कहा कि हमारा एक प्रयास है लोग कि बिहार खैनी से मुक्त हो लेकिन तत्काल इसके लिए कुछ नहीं किया जा रहा।
जमीनी विवाद बिहार की सबसे बड़ी समस्या
बिहार में जमीनी विवाद बिहार की सबसे बड़ी समस्या है। जमीन की रजिस्ट्री कराने से पहले जमीन की पूरी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए कानून में बदलाव होना चाहिए और इसके एक्ट में वदलाव के लिए केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा जाना चाहिए। बिहार में इसके लिए नए सिरे से सर्वे और सेटेलमेंट कराया जा रहा है लेकिन उसमें टाइम लगेगा।
फसल सहायता योजना किसानों के लिए फायदेमंद
उन्होंने कहा कि बिहार में हमने किसानों के लिए फसल सहायता योजना की शुरुआत की है, जिसमें किसानों को बीमा के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना पड़ता है। केंद्र की फसल बीमा योजना बिहार में लागू नहीं है क्योंकि इसमें किसानों को समय पर बीमा का भुगतान नहीं होता है।
फसल सहायता योजना किसानों के हित में है। इसके लिए हमने खुद फैसला लिया। किसानों की परेशानी सबसे पहले समझनी चाहिए और इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आज संवाद भवन में आयोजित लोकसंवाद की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में शिरकत करने के दौरान ये बाते कहीं। उन्होंने जमीन बटवारे में रजिस्टर-2 में लगना वाले टैक्स को कम से कम करने का निर्देश दिया है।
लोक संवाद में आए लोगों के सुझाव को मुख्यमंत्री ने गंभीरता पूर्वक सुना। भागलपुर से आये राजेश कुमार ने पहला सुझाव दिया। उन्होंने जमीनी विवाद को सुलझाने से संबंधित पुरखों के नाम पर जमीन के मोटेशन सें संबंधित सुझाव दिया।
सहरसा से आये दामोदर राम का सुझाव था कि जिलों में एससी- एसटी आवासीय बालिका विद्यालय खोला जाना चाहिए और आवासीय विद्यालयों में सीसीटीवी और बायोमिट्रिक सिस्टम लगाया जाना चाहिए।
अधिकारियों के द्वारा सितंबर तक दाखिल खारिज ऑन लाइन कराने के मामले पर सीएम ने कहा कि सितंबर में कैसे हो सकता है यह काम? अगस्त सितंबर महीने में बिहार में बाढ़ का प्रकोप रहता है। बाढ़ के समय अधिकारी कोई दूसरा काम कैसे करेंगे? उन्होंने सख्ती दिखाते हुए कहा कि जब अप्रैल तक ही टारगेट था तो क्यों काम पूरा नही हुआ?
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