नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में पोत निर्माण या मरम्मत क्षमता तैयार करने के लिए 1799 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के मौजूदा परिसर में एक नए ड्राई डॉक के निर्माण को अपनी मंजूरी दे दी है। इस नए ड्राई डॉक के निर्माण का उद्देश्य पोत निर्माण या मरम्मत के क्षेत्र में ऐसी क्षमता तैयार करना है, जो एलएनजी पोतों, अधिक क्षमता वाले स्वदेशी विमान वाहकों, जैक अप रीग्स, ड्रील शिपों, बड़े ड्रैजरों और तटीय प्लेटफार्मों तथा बड़े पोतों की मरम्मत जैसे कार्यों के लिए विशेष और प्रौदयोगिकी के तौर पर उन्नत बड़े पोतों के निर्माण के क्षेत्र में बाजार की संभावनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है। बड़े आकार वाला यह ड्राई डॉक वास्तव में पोत निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सीएसएल की महत्वपूर्ण आवश्यकता होने के साथ-साथ सरकार की (मेक-इन-इंडिया) नामक पहल की दिशा में एक कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति द्वारा मंजूर किए गए इस नए ड्राई डॉक के निर्माण के कारण सरकार पर कोई वितीय भार नहीं पड़ेगा, क्योंकि सीएसएल के आंतरिक और बाह्य बजटीय स्रोत्रों के जरिये उक्त 1799 करोड़ रूपये की व्यय धनराशि प्राप्त हो जाएगी। इस परियोजना प्रस्ताव से देश में रोजगार के नए अवसर तैयार होंगे। यह ध्यान देने योग्य बात है कि पोत निर्माण और पोत मरम्मत एक श्रमिक आधारित उद्योग है जिसमें अत्यधिक रोजगार सृजन की क्षमता है। इस प्रकार इससे देश में सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ विनिर्माण क्षेत्र के विकास से राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।इस परियोजना के पूरी तरह संचालित हो जाने पर इसमें 300 कार्मिकों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने के अलावा 2000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होंगे।
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