लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस गुरुवार को सड़क पर थे। दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं की अगुवाई में हजरतगंज चैराहे पर धरना प्रदर्शन चल रहा था। लेकिन बसपाइयों के सामने कांग्रेसी फीके पड़ गए। बसपाइयों की भीड़ में कांग्रेसी गुम हो गए थे। बसपा सुप्रीमो मायावती पर भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह की टिप्पणी को लेकर कर गुस्साए बसपाई हल्लाबोल कार्यक्रम के तहत धरना प्रदर्शन कर रहे थे। दलित विरोधी बीजेपी नारे के संग वे अपनी आवाज बुलंद कर अपनी शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे। दूसरी ओर गुजरात समेत भाजपा शासित राज्यों में दलित और मुस्लिम उत्पीड़न के आरोप संग कांग्रेसी भी मौन धरना देकर अपनी शक्ति दिखाने को आतुर थे।
दोनों पार्टियों के बीच की दूरियां तो कम थी लेकिन इनके समर्थन में आने वाली भीड़ ने इनके शक्ति प्रदर्शन के बीच की दूरियां बढ़ा दीं। हजारों की संख्या में आए बसपाइयों के सामने मुट्ठी भर कांग्रेसी कहीं दिख नहीं रहे थे। हालांकि वे खुद को दिखाने की पुरजोर कोशिश करते रहे।
बसपाइयों के साथ कोई बड़ा नेता न होने के बाद भी उनका शक्ति प्रदर्शन कांग्रेसियों पर भारी पड़ा। राजबब्बर, रीता बहुगुणा जोशी, अखिलेश दास जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के आने पर भी भीड़ बमुश्किल सैकड़े के आंकड़े को पार कर सकी। बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी, लालजी वर्मा, जयवीर सिंह, इंद्रजीत सरोज, डाॅ. रामकुमार कुर्मी, रामअचल राजभर सरीखे नेताओं ने हजारों की संख्या जुटकर बसपा को साबित करने की पूरी कोशिश की।