नई दिल्ली। बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली के निष्कासित मंत्री संदीप कुमार को जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा क्योंकि उन्होंने लाने ले जाने के दौरान राजनीतिक विरोधियों से जान के खतरे की आशंका जताई है। विशेष न्यायाधीश पूनम चौधरी ने कुमार का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया कि इस मामले में आरोपपत्र दायर होने तक उन्हें अदालत के सामने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश किया जाए क्योंकि पुलिस ने इस पर आपत्ति नहीं जताई।
अदालत ने कहा, तथ्यों तथा परिस्थितियों को देखते हुए, आरोपी कुमार को पेश करने की जरुरत नहीं है और आरोपपत्र दायर होने तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हिरासत और बढाई जाएगी। अदालत ने तिहाड जेल के अधीक्षक को नोटिस जारी करके अधिवक्ता प्रदीप राणा के जरिये दायर कुमार के उस आवेदन पर रिपोर्ट मांगी है जिसमें जिसमें अनुरोध किया गया है कि उन्हें लाने ले जाने के दौरान अन्य राजनीतिक दलों के समर्थकों तथा अन्य बदमाशों से जान के खतरे के मद्देनजर जेल से अदालत तक उनकी पेशी के लिए एक अलग वैन उपलब्ध हो।
अदालत ने कुमार को पेश किये जाने के बाद उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 19 अक्तूबर तक बढा दी।
सुनवाई के दौरान, राणा ने कहा कि कुछ बदमाश कुमार को जेल वैन में नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं और उनके खिलाफ मामला ‘‘राजनीतिक रुप से प्रेरित” है। पुलिस ने अपने जवाब में कहा कि हिरासत कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये की जा सकती है क्योंकि आप विधायक को अदालत के सामने पेश करने के लिए बडी संख्या में बल की तैनाती की जाती है। कुमार को तीन सितंबर को तब गिरफ्तार किया गया जब एक महिला ने उत्तरी दिल्ली के सुल्तानपुरी थाने में एक शिकायत देकर आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री ने उसका यौन उत्पीडन किया। इसके बाद ही इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया। महिला कुमार के साथ एक आपत्तिजनक वीडियो में नजर आई थी।