हवाई यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों को एयरपोर्ट पर किसी तरह के पहचान पत्र की आवश्यकता नहीं होगी. उनकी पहचान अब उनके चेहरे से ही सुनिश्चित की जाएगी. यह संभव होगा फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी के जरिए. जी हां, हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी का पहला ट्रायल सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया है. हैदराबाद एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनी GHIAL (जीएमआर हैदराबाद एयरपोर्ट इंटरनेशल एयरपोर्ट लिमिटेड) ने फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी के पहले ट्रायल में एयरपोर्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को शामिल किया था. योजना के तहत, जनवरी के तीसरे सप्ताह में इस टेक्नोलॉजी का दूसरा ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा. इस ट्रायल में हैदराबाद एयरपोर्ट से हवाई यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों को शामिल किया जाएगा. ट्रायल के दौरान सब कुछ ठीक रहा तो मार्च तक इस टेक्नोलॉजी को हैदराबाद एयरपोर्ट पर विधिवत लागू कर दिया जाएगा.
तीन चरणों में समझिए फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी
पहला चरण: GHIAL ने हैदराबाद एयरपोर्ट पर कुछ फेस रिकॉग्नाइजिंग कैमरे लगाए हैं. इन कैमरों की खासियत है कि वह मुसाफिरों के चेहरे को पहचाने में सक्षम हैं. पहले चरण में, एयरपोर्ट पर फेस रिकॉग्नाइजिंग कैमरों की मदद से मुसाफिरों के चेहरे की इमेज ली जाएगी.
दूसरा चरण: मुसाफिरों को अपना पहचान पत्र एयरपोर्ट संचालक संस्था GHIAL को उपलब्ध कराना होगा. इन पहचान पत्रों में पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस शामिल होंगे. इन पहचान-पत्रों को स्कैन कर आपकी इमेज के साथ जोड़ दिया जाएगा.
तीसरा चरण: मुसाफिरों के इमेज और आईडी प्रूफ को एयरपोर्ट के ई-बोर्डिंग सिस्टम और एयरलांइस के डाटा सेंटर से जोड़ दिया जाएगा. जब भी कोई मुसाफिर किसी भी एयरलाइंस में अपनी टिकट बुक कराएगा, इसकी जानकारी तत्काल हैदराबाद एयरपोर्ट पर तैनात सभी संबंधित एजेंसियों के पास पहुंच जाएगी.
उल्लेखनीय है कि मुसाफिरों को तीन चरणों में पूरी होने वाली इस प्रक्रिया को एक बार ही पूरा करना होगा.
नई दिल्ली: हवाई यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों को एयरपोर्ट पर किसी तरह के पहचान पत्र की आवश्यकता नहीं होगी. उनकी पहचान अब उनके चेहरे से ही सुनिश्चित की जाएगी. यह संभव होगा फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी के जरिए. जी हां, हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी का पहला ट्रायल सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया है. हैदराबाद एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनी GHIAL (जीएमआर हैदराबाद एयरपोर्ट इंटरनेशल एयरपोर्ट लिमिटेड) ने फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी के पहले ट्रायल में एयरपोर्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को शामिल किया था. योजना के तहत, जनवरी के तीसरे सप्ताह में इस टेक्नोलॉजी का दूसरा ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा. इस ट्रायल में हैदराबाद एयरपोर्ट से हवाई यात्रा पर जाने वाले मुसाफिरों को शामिल किया जाएगा. ट्रायल के दौरान सब कुछ ठीक रहा तो मार्च तक इस टेक्नोलॉजी को हैदराबाद एयरपोर्ट पर विधिवत लागू कर दिया जाएगा.
तीन चरणों में समझिए फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी
पहला चरण: GHIAL ने हैदराबाद एयरपोर्ट पर कुछ फेस रिकॉग्नाइजिंग कैमरे लगाए हैं. इन कैमरों की खासियत है कि वह मुसाफिरों के चेहरे को पहचाने में सक्षम हैं. पहले चरण में, एयरपोर्ट पर फेस रिकॉग्नाइजिंग कैमरों की मदद से मुसाफिरों के चेहरे की इमेज ली जाएगी.
दूसरा चरण: मुसाफिरों को अपना पहचान पत्र एयरपोर्ट संचालक संस्था GHIAL को उपलब्ध कराना होगा. इन पहचान पत्रों में पासपोर्ट, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस शामिल होंगे. इन पहचान-पत्रों को स्कैन कर आपकी इमेज के साथ जोड़ दिया जाएगा.
तीसरा चरण: मुसाफिरों के इमेज और आईडी प्रूफ को एयरपोर्ट के ई-बोर्डिंग सिस्टम और एयरलांइस के डाटा सेंटर से जोड़ दिया जाएगा. जब भी कोई मुसाफिर किसी भी एयरलाइंस में अपनी टिकट बुक कराएगा, इसकी जानकारी तत्काल हैदराबाद एयरपोर्ट पर तैनात सभी संबंधित एजेंसियों के पास पहुंच जाएगी.
उल्लेखनीय है कि मुसाफिरों को तीन चरणों में पूरी होने वाली इस प्रक्रिया को एक बार ही पूरा करना होगा.
कैसा होगा टर्मिनल गेट से बोर्डिंग गेट तक का सफर
1. हैदराबाद एयरपोर्ट से शुरू होने वाले हवाई सफर के लिए जैसे ही आप अपना टिकट किसी भी एयरलाइंस से बुक कराएंगे, उसी दौरान हैदराबाद एयरपोर्ट पर तैनात संबंधित एजेंसियों के पास आपकी यात्रा से जुड़ी जानकारी पहुंच जाएगी.
2. हैदराबाद एयरपोर्ट के टर्मिनल गेट पर पहुंचते ही वहां लगा फेस रिकॉग्नाइजिंग कैमरा आपके चेहरे को पहचान लेगा. आपकी पहचान सुनिश्चित होते ही, कैमरे के साथ लगी एक स्क्रीन में आपकी फोटो, पहचान-पत्र और यात्रा से जुड़ी सभी जानकारियां डिस्प्ले हो जाएंगी. इस दौरान, गेट पर तैनात सुरक्षा अधिकारी को न ही अपना एयर टिकट दिखाना होगा और न ही पहचान पत्र दिखाने की आवश्यकता होगी.
3. टर्मिनल गेट की तरह चेक-इन काउंटर, सिक्योरिटी चेक-इन प्वाइंट और बोर्डिंग गेट पर भी फेस रिकॉग्नाइजिंग कैमरे मौजूद होंगे. चेक-इन काउंटर पर पहुंचते ही फेस रिकॉग्नाइजिंग कैमरा आपसे संबंधित सभी जानकारी एयरलाइन कर्मी को उपलब्ध करा देगा. एयरलाइन स्टाफ द्वारा आपका चेक-इन करते ही ऑन लाइन बोर्डिंग पास आपके मोबाइल पर पहुंच जाएगा.
4. सिक्योरिटी चेक और बोर्डिंग गेट पर भी फेस रिकॉग्नाइजिंग कैमरे से आपकी यात्रा संबंधित डीटेल और पहचान सुनिश्चित की जाएगी. हैदराबाद एयरपोर्ट पर फेस रिकॉग्नाइजिंग टेक्नोलॉजी आने के बाद आपकी हवाई यात्रा पूरी तरह से पेपर लेस हो जाएगी.