पीसीएस एग्जीक्यूटिव ब्रांच की प्राथमिक परीक्षा में जिन दिव्यांग आवेदकों ने 177 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं उन्हें अब मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। हाईकोर्ट ने पंजाब पब्लिक सर्विस क मीशन (पीपीएससी)को इसके लिए उचित कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। याचिका दाखिल करते हुए दिव्यांग आवेदक रमनदीप कौर ने बताया कि उसने पंजाब सरकार द्वारा निकाली गई पीसीएस एग्जीक्यूटिव ब्रांच के 67 पदों के लिए सामान्य श्रेणी में आवेदन किया था।
इसके बाद परीक्षा हुई और याची ने 255 अंक प्राप्त किए। सामान्य श्रेणी की कट ऑफ 292 अंक गया और याची सफल नहीं हुई। इस दौरान पंजाब सरकार ने तहसीलदार के 5 पद विज्ञापन में जोड़ने का फैसला लिया और इसमें एक पद दिव्यांग श्रेणी के लिए आरक्षित किया गया। याची ने कहा कि यह पद विज्ञापन में जोड़े गए और विज्ञापन में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन पदों के लिए फिर से आवेदन करना होगा।
याची ने कहा कि जिन्होंने नए सिरे से आवेदन किया था उनके अंक 177 आए हैं और याची व अन्य के अंक 255 हैं। ऐसे में यदि विज्ञापन स्पष्ट होता तो याची व अन्य लोग भी आवेदन कर सकते थे और वे मुख्य परीक्षा के लिए योग्य भी होते। हाईकोर्ट ने याची की दलीलों पर सहमति जताते हुए कहा कि अधिक अंक लेने के बावजूद केवल विज्ञापन स्पष्ट न होने के कारण याची को पद के लिए आवेदन से वंचित नहीं किया जा सकता। वहीं, यदि नए सिरे से मेरिट सूची बनाते हैं तो और याचिकाएं हाईकोर्ट पहुंचेंगी।
ऐसे में हाईकोर्ट ने पहले तय किए गए 13 नाम के अतिरिक्त 177 अंक से ज्यादा पाने वाले सभी आवेदकों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश जारी किए हैं।