हिंडन नदी के पानी को जहरीला बनाने के लिए जिम्मेदार ठहराई गई 8 कंपनियों में से एक ग्रेटर नोएडा की न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर कंपनी को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) से भी राहत नहीं मिली है। सीएनएच इंडस्ट्रियल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की इस कंपनी की शुक्रवार को दाखिल राहत याचिका पर एनजीटी ने हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है।
हालांकि जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि औद्योगिक कंपनियां प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को सुधारकर दोबारा संचालन की अनुमति के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास आवेदन कर सकती हैं।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गौतमबुद्ध नगर की कुल 31 चिह्नित औद्योगिक इकाइयों में से 8 को बंद करने के आदेश दिए थे। बोर्ड ने 3 अगस्त को जारी इन आदेशों में न्यू हॉलैंड कंपनी के संचालन की अनुमति भी रद्द कर दी थी। इसी आदेश के खिलाफ कंपनी प्रबंधन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कंपनियों की बिजली-पानी भी बंद होगी
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ग्रेटर नोएडा की जिन आठ कंपनियों को बंद कराया है, उनकी बिजली और पानी की आपूर्ति भी बंद कराई जाएगी। हालांकि अभी तक बिजली और पानी की आपूर्ति को बंद नहीं किया गया है। बिजली विभाग का कहना है कि अभी तक उन्हें नोटिस की प्रतिलिपि नहीं मिली है।
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