लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष-पद का निर्वाचन गुरुवार को विधान सभा मण्डप में अपराह्न एक बजे से आरम्भ होगा। हालांकि इस पद के लिए केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हृदयनारायण दीक्षित के आज नामांकन करने के कारण उनका कल निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाना तय है।
गुरुवार को उनके नाम का विधिवत ऐलान किया जायेगा। इसके बाद सत्रहवीं विधान सभा के सदस्यों के लिए विधान भवन में मध्याह्न भोज की व्यवस्था की गयी है। विधान सभा के विशेष सचिव प्रमोद कुमार जोशी ने बताया कि उप्र. विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य-संचालन नियमावली, 1958 के नियम-5 के अनुसार सदस्यों के लिए यह जरूरी है कि सदन में अपना स्थान ग्रहण करने से पूर्व सभा के सदस्य के रूप में शपथ-ग्रहण अथवा प्रतिज्ञान कर लें।
सत्रहवीं विधान सभा के अध्यक्ष बनने जा रहे हृदयनारायण दीक्षित वर्तमान में उन्नाव की भगवंत नगर विधानसभा से जीत कर सदन में आये हैं। इससे पहले वह विधान परिषद सदस्य और उच्च सदन में भाजपा विधायक दल के नेता रह चुके हैं। वहीं इसके पूर्व वह चार बार विधानसभा भी पहुंच चुके हैं। 1972 में जिला परिषद उन्नाव के सदस्य बनने वाले दीक्षित उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राजमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री भी रह चुके हैं।
पार्टी संगठन की बात करें तो वह उन्नाव के जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रवक्ता और राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य भी रह चुके हैं। वहीं आपातकाल के दौरान वह 19 महीने जेल में भी रहे थे। उनकी कई पुस्तकें जहां अभी तक प्रकाशित हो चुकी हैं, वहीं वह स्तम्भकार भी हैं। दीक्षित की साफ-सुथरी छवि और उनके अनुभव को देखते हुए पार्टी ने उन्हें यह अहम जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है।