नाम फक्कड़ बाबा। अब जैसा नाम है वैसी ही बाबा की जिंदगी भी। रात को रहते किसी और के घर में हैं तो दिन मथुरा की सड़कों और मंदिरों की चौखट पर गुजरता है। 73 वर्षीय बाबा लोकसभा और विधानसभा के 15 चुनाव लड़ चुके हैं।
16वें चुनाव के लिए पर्चा दाखिल कर दिया है। लेकिन बाबा कहते हैं कि 15 चुनावों की तरह से वो 16वां चुनाव भी हारेंगे। लेकिन बाबा को इतना भरोसा है कि वो 20वां चुनाव जरूर जीतेंगे। बस ये ही सोचकर चुनाव लड़े जा रहे हैं।
फक्कड़ बाबा को जानने वाले पवन गौतम बताते हैं कि बाबा 11 वर्ष की उम्र में मथुरा आए थे। तब से ब्रज में ऐसा मन लगा कि वह यहीं के होकर रह गए। वैसे कानपुर में बाबा के परिवार के दूसरे सदस्य भी हैं। उन लोगों ने बाबा को यहां से ले जाने की कई बार कोशिश की, लेकिन बाबा ने ये कहकर जाने से मना कर दिया कि अब जीते जी तो कभी इस ब्रज से कदम बाहर नहीं निकालूंगा। मथुरा में शायद ही ऐसा कोई होगा जो बाबा को न जानता हो।
चुनावों का जिक्र आते ही बाबा के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है और उसके बाद वह बस एक ही बात बोलते हैं कि 20वें चुनाव का इंतजार करो। 20वें चुनाव का रहस्य खोलते हुए बाबा बताते हैं कि मेरे गुरु संत शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने भविष्यवाणी की थी कि अगर तुम चुनाव लड़ना शुरू कर दो तो अपनी जिंदगी का 20वां चुनाव जरूर जीतोगे। वो चाहे लोकसभा का हो या फिर विधानसभा का। बाबा कहते हैं कि बस उसी दिन से लगातार लोकसभा-विधानसभा में से जिस का भी मौका मिलता है लड़ता जरूर हूं।
दूसरे उम्मीदवारों की तरह से बाबा पर्चा दाखिल करने के बाद घर-घर वोट मांगने जरूर जाते हैं। चुनाव लड़ने के लिए दान में मिले सामान को भी बेच चुके हैं। बाबा को अपने घर जगह देने वाले नवरत्न शर्मा बताते हैं कि बाबा को एक बार दान में स्कूटी मिली थी लेकिन चुनाव लड़ने के लिए बाबा उसे भी बेच चुके हैं। नवरत्न बताते हैं कि बाबा को रामायण का एक-एक श्लोक याद है। वह अब तक 13 हजार बार रामायण का अखंड पाठ कर चुके हैं।