हरदोई: जिले के चर्चित सड़क निर्माण घोटाला मामले में सीएम योगी के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी के वर्तमान व तत्कालीन एक्सईएन समेत 16 इंजीनियर आज निलम्बित कर दिए गए हैं।
उक्त कार्यवाही से जिले के ऐसे अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उक्त सड़क निर्माण घोटाले की जांच के आदेश खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए थे।
बताते चलें कि यहां करीब सौ करोड़ से अधिक की लागत से बनवाए जा रहे मार्गों की लेपित सतह के नमूने फेल हो गए थे।निर्माण सामग्री के नमूना फेल होने जानकारी लगते ही लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं और ठेकेदारों को कार्रवाई का भय सता रहा था। लोक निर्माण विभाग की ओर से बनवाए जा रहे मार्गों की गुणवत्ता को लेकर मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रमुख सचिव अजय चौहान की अध्यक्षता वाली समिति से निर्माणाधीन मार्गों की जांच कराई थी।
गत 9 नवंबर को प्रमुख सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने यहां पर लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड,निर्माण खंड एक और दो की ओर से बनवाए जा रहे मार्गों का औचक जायजा लिया था। समिति ने मार्ग के पूर्ण किए भाग की लेपित सतह से नमूना लिए थे।
इन नमूनों की शासन स्तर पर प्रयोगशाला में जांच कराई गई।जांच में जनपद के विभिन्न मार्गों में प्रयोग की जा रही सामग्री के नमूना फेल हो गए। प्रमुख सचिव ने 58,97,38,000 की लागत में 7 मीटर चौड़ाई से बनाई जा रही पिहानी चुंगी से रद्धेपुरवा होते हुए सांडी- शाहाबाद से जुड़ने वाली सड़क की सामग्री का नमूना लिया था। इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड एक की ओर से बनवाया जा रहा है।
ऐसे ही प्रमुख सचिव ने प्रांतीय खंड की ओर से 40,65,46,000 रुपये की लागत से बनवाई जा रही बेहटागोकुल-मंसूरनगर मार्ग,करीब तीन करोड़ से अधिक की लागत से बन रही खटेली- मंझगवां सड़क,निर्माण खंड दो की ओर से करीब साढ़े करोड़ की लागत से बनवाई जा रही कछौना- गौसगंज सड़क और निर्माण खंड एक की ओर से कराए गए हरदोई-सांडी मार्ग के नवीनीकरण की जांच की थी।सभी मार्गों से सामग्री के नमूना लिए थे।
यहां सड़कों को तैयार करने के लिए लगाई गई निर्माण सामग्री बिल्कुल अच्छी नहीं थी। चार सड़कों की नमूना जांच जब की गई तो उसमें तारकोल भी मानक से काफी कम मिला। विशेष मरम्मत के एस्टीमेट भी गड़बड़ भेजे गए थे। वैसे चालू वित्तीय वर्ष में लोक निर्माण विभाग 97 परियोजनाओं पर काम करा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रमुख सचिव की ओर से ले जाए गए नमूनों की निर्माण सामग्री मानक में फेल हो गई।नमूना फेल होने की खबर लगते ही लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अभियंताओं और काम करा रही फर्म के संचालकों में कार्रवाई का भय बैठ गया।जांच के दौरान पीडब्ल्यूडी के 16 अधिकारी दोषी पाए गए थे।
जिनमें वर्तमान एक्सईएन शरद कुमार मिश्रा,तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद लोक उन्नाव वृत्त,निर्माण विभाग उन्नाव,सुमंत कुमार मिश्रा,अधिशाषी अभियंता निर्माण खंड 1 हरदोई,के अलावा सहायक अभियंता जीएन सिंह,संतोष कुमार पाण्डेय,कृष्ण कांत मिश्रा व रितेश कटियार को शासन से निलंबित कर दिया गया है।
इसी मामले अवर अभियंता मोहम्मद शोएब,राजीव कुमार, अमर सिंह,रुचि गुप्ता आदि को भी निलंबित कर दिया गया है। जबकि शेष नाम अभी सामने नहीं आए हैं।