“लखनऊ में दिवाली के पटाखों के शोर से कुत्ते आक्रामक हो गए हैं। पिछले 48 घंटों में 250 से ज्यादा डॉग बाइट के केस सामने आए। बच्चों में अधिक मामले, डॉक्टरों ने दिए बचाव के सुझाव”
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में दिवाली के बाद से पटाखों के तेज शोर का नतीजा यह हुआ कि कुत्तों का व्यवहार आक्रामक हो गया है। शहर के कई अस्पतालों में पिछले 48 घंटों में 250 से ज्यादा डॉग बाइट के केस रिपोर्ट हुए हैं। इसमें बड़ी संख्या में बच्चे कुत्तों का शिकार बने हैं। डॉक्टरों का मानना है कि पटाखों के धमाके से कुत्तों में डर और चिड़चिड़ापन बढ़ता है, जिससे वे हमला करने लगते हैं।
अस्पतालों का हाल
1. बलरामपुर अस्पताल:यहां 100 से ज्यादा लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए पहुंचे। दिवाली के दिन 39 मरीजों को इंजेक्शन लगाया गया।
2. लोकबंधु संयुक्त अस्पताल: 24 केस सामने आए, जिसमें अधिकांश को एंटी रेबीज की डोज दी गई।
3. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल: 32 मरीजों को एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई।
रेबीज के खतरे और बचाव के उपाय
रेबीज एक गंभीर बीमारी है जो कुत्ते के काटने से फैलती है। KGMU के डॉ. हिमांशु का कहना है कि यदि डॉग बाइट हो तो तुरंत इलाज करवाना चाहिए। पहले 24 घंटे में ही एंटी रेबीज का टीका लगवाना बेहद जरूरी है।
बचाव के लिए सुझाव:
पालतू जानवरों को रेबीज का टीका जरूर लगवाएं
कुत्ते के काटने के तुरंत बाद साफ पानी से घाव धो लें
किसी भी गंभीर घाव में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल