बॉलीवुड में ऐसी कई एक्ट्रेसेज़ हैं, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में ऊंचाइयों को छुआ है और उन्हें देखकर लगता है, जैसे हिंदी फ़िल्मों से ही उनके करियर की शुरुआत हुई है, मगर हक़ीक़त कुछ और है।
निक जोनस से शादी करके मिसेज जोनस बन चुकी प्रियंका चोपड़ा अब एक इंटरनेशनल स्टार हैं। मगर आपको जानकर हैरानी होगी, कि प्रियंका के फ़िल्मी करियर की नींव भी साउथ में पड़ी थी। 2002 में प्रिंयका की पहली तमिल फ़िल्म Thamizhan रिलीज़ हुई थी और उनके हीरो थे विजय। इसके बाद 2003 में प्रियंका ने ‘द हीरो- लव स्टोरी ऑफ़ ए स्पाय’ से हिंदी सिनेमा में सनी देओल के साथ डेब्यू किया। उसी साल अक्षय कुमार और लारा दत्ता के साथ उनकी अंदाज़ रिलीज़ हुई और प्रियंका हिट हो गयीं। विजय इस वक़्त साउथ सिनेमा के कामयाब एक्टर हैं, जिनकी सुपर हिट फ़िल्म हॉलीडे के हिंदी रीमेक में अक्षय कुमार ने लीड रोल निभाया था।
मिसेज रणवीर सिंह बन चुकी दीपिका पादुकोण के करियर की शुरुआत कन्नड़ सिनेमा से हुई थी। दिलचस्प बात ये है कि 2006 में आई दीपिका की इस फ़िल्म का टाइटल ‘ऐश्वर्या’ था, जिसमें उनके हीरो उपेंद्र थे। 2007 में दीपिका ने शाह रुख़ ख़ान के साथ ‘ओम शांति ओम’ से हिंदी सिनेमा में सक्सेसफुल डेब्यू किया।
ऐसी ही एक्ट्रेसेज़ में शामिल हैं ऐश्वर्या राय बच्चन। ख़ूबसूरती और हुनर का बेमिसाल कांबिनेशन ऐश ने बतौर एक्टर अपने करियर की शुरुआत 1997 की तमिल फ़िल्म ‘इरूवर’ से की थी, जिसे मणि रत्नम ने डायरेक्ट किया था। इस फ़िल्म में ऐश की होरी मोहनलाल थे, जो मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार हैं। 1997 में ही ऐश ने हिंदी सिनेमा में ‘और प्यार हो गया’ के साथ क़दम रखा, जिसमें बॉबी देओल ने ऐश के ऑपोज़िट थे।
गोरा करने वाले उत्पादों के विज्ञापनों के लिए मशहूर रहीं यामी गौतम भी दक्षिण भारतीय सिनेमा का प्रोडक्ट हैं। यामी ने कन्नड़ फ़िल्म ‘उल्लास उत्साह’ से फ़िल्मों में करियर शुरू किया। इस फ़िल्म में उनके को-एक्टर गणेश थे। 2012 में यामी ने आयुष्मान खुराना के साथ ‘विक्की डोनर’ से हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया।
हिंदी सिनेमा में कृति ने 2014 में ‘हीरोपंती’ से करियर शुरू किया था, मगर उससे पहले वो तेलुगु फ़िल्म 1- Nenokkadine से महेश बाबू के साथ डेब्यू कर चुकी थीं। कृति की पिछले साल आयी बरेली की बर्फ़ी हिट रही थी। अब वो कार्तिक आर्यन के साथ लुका-छिपी में दिखेंगी। वहीं, हाउसफुल4 में भी कृति मुख्य स्टार कास्ट का हिस्सा हैं।
हिंदी सिनेमा में तब्बू का नाम बेहतरीन एक्ट्रेस के तौर पर जाना जाता है, पर तब्बू ने बतौर लीडिंग लेडी अपना करियर 1991 की तेलुगु फ़िल्म कुली नंबर 1 से किया था, जिसमें उनके ऑपॉज़िट वेंकटेश थे। बाद में तब्बू ने 1994 में पहला पहला प्यार से ऋषि कपूर के साथ हिंदी सिनेमा में अपनी पारी शुरू की थी।
साउथ में शोहरत के बाद हिंदी सिनेमा में बनायी पहचान
इलियाना डिक्रूज़ ने रणबीर कपूर के साथ ‘बर्फ़ी’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। हिंदी सिनेमा में पारी शुरू करने से पहले इलियाना दर्ज़न भर से ज़्यादा तमिल और तेलुगु फ़िल्मों में काम कर चुकी थीं। ‘बर्फ़ी’ से मिली शानदार शुरुआत का नतीजा ये हुआ कि इलियाना ने इसके बाद कोई साउथ इंडियन फ़िल्म नहीं की है, क्योंकि बॉलीवुड उन्हें जाने नहीं दे रहा। इलियाना की लास्ट हिंदी रिलीज़ रेड है, जिसमें उन्होंने अजय देवगन की लीडिंग लेडी का रोल निभाया।
बॉलीवुड हीरोइन बनने से पहले तापसी पन्नू तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की क़रीब 10 फ़िल्में कर चुकी थीं। तापसी ने डेविड धवन की फ़िल्म ‘चश्मे-बद्दूर’ से हिंदी सिनेमा में अपना करियर शुरू किया और अब हिंदी सिनेमा में भी वो अपनी पहचान बना चुकी हैं। इस साल तापसी मुल्क, सूरमा और मनमर्ज़ियां में नज़र आयीं।
श्रीदेवी ने साउथ सिनेमा में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर शुरू किया था। हिंदी सिनेमा में उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट रानी मेरा नाम और जूली में काम किया और ‘सोलवां सावन’ (1979) फ़िल्म से एडल्ट एक्टर के तौर पर पारी शुरू की। इस फ़िल्म में उनके हीरो अमोल पालेकर थे। इससे पहले श्रीदेवी ने तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सिनेमा में काफ़ी काम कर चुकी थीं, मगर हिंदी सिनेमा में भी उन्हें जमकर शोहरत और चाहने वाले मिले। इसी साल 25 फरवरी को इस दुनिया को अलविदा कह चुकीं श्रीदेवी की आख़िरी हिंदी फ़िल्म ‘मॉम’ है, जो उनके करियर की 300वीं फ़िल्म थी। हालांकि शाह रुख़ ख़ान की ज़ीरो में भी श्रीदेवी कैमियो में दिखेंगी। हिंदी सिनेमा के पर्दे पर यह उनकी आख़िरी झलक होगी।
जया प्रदा ने हिंदी फ़िल्मों में अपना करियर 1979 की फ़िल्म ‘सरगम’ से शुरू किया था, जिसमें ऋषि कपूर उनके हीरो थे। इस डेब्यू से पहले जया 16 तेलुगु और तमिल फ़िल्में कर चुकी थीं, लेकिन अपनी ख़ूबसूरती और एक्टिंग के दम पर जया हिंदी दर्शकों के बीच भी काफ़ी पॉप्यूलर रहीं और कई मशहूर फ़िल्मों में काम किया। हिंदी फ़िल्मों में मिली इसी शोहरत का असर है कि जया का सियासी सफ़र भी हिंदीभाषी पट्टी से शुरू हुआ।
हिंदी सिनेमा में अदाकारी और ख़ूबसूरती के रंग भरने वाली रेखा ने भी बतौर लीड एक्ट्रेस अपनी पारी कन्नड़ सिनेमा से शुरू की थी। ये फ़िल्म थी ऑपरेशन जैकपॉट नल्ली सीआईडी 999, जो 1969 में रिलीज़ हुई थी। इस स्पाई थ्रिलर फ़िल्म में रेखा के साथ लेजेंडरी एक्टर राजकुमार और नरसिंहराजू थे। रेखा ने हिंदी सिनेमा में डेब्यू सावन भादों से किया, जो 1970 में रिलीज़ हुई थी। फ़िल्म में उनके हीरो नवीन निश्चल थे।
वैजयंतीमाला ऐसी एक्ट्रेस रही हैं, जिन्होंने साउथ सिनेमा में नाम कमाने के साथ हिंदी सिनेमा में भी जमकर शोहरत हासिल की। 1951 की फ़िल्म ‘बहार’ से हिंदी सिनेमा में डेब्यू करने से पहले वैजयंतीमाला साउथ की कुछ फ़िल्में कर चुकी थीं। बहार में उनके हीरो करन दीवान थे। इसके बाद उन्होंने कई हिट हिंदी फ़िल्मों में काम किया। 1970 की हिंदी फ़िल्म ‘गंवार’ के बाद वैजयंतीमाला ने एक्टिंग से संन्यास ले लिया था।