नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के 75वें स्थापना दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्याय में देरी को खत्म करने के लिए बीते एक दशक में बड़े स्तर पर काम हुए हैं। पिछले 10 वर्षों में देश ने न्यायिक संरचना के विकास के लिए लगभग 8 हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। पिछले 25 साल में जितनी राशि न्यायिक संरचना पर खर्च की गई, उसका 75 प्रतिशत पिछले 10 वर्षों में ही हुआ है। पीएम ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के रूप में हमें नया भारतीय न्याय विधान मिला है।हमारे आपराधिक कानून शासक और गुलाम वाली औपनिवेशिक सोच से आजाद हुए हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में पांच कार्य सत्रों का आयोजन किया जाएगा,जिसमें जिला न्यायपालिका से संबंधित विषयों जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन,सभी के लिए समावेशी न्यायालय,न्यायिक सुरक्षा और न्यायिक कल्याण,मामला प्रबंधन और न्यायिक प्रशिक्षण पर विचार-विमर्श और चर्चा की जाएगी। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिला न्यायपालिका के 800 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। सम्मेलन का समापन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक सितंबर को करेंगी।इस बीच वो समापन भाषण देंगी और सुप्रीम कोर्ट के ध्वज और प्रतीक चिन्ह का उद्घाटन भी करेंगी।