Wednesday , September 18 2024
Nepal requested Bangladesh New Govt on PTA

नेपाल की मांग, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार त्रिदेशीय विद्युत समझौता लागू करे

काठमांडू। नेपाल सरकार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से त्रिदेशीय विद्युत व्यापार समझौता लागू करने की मांग की है। ढाका में नेपाल के राजदूत ने बांग्लादेश के विदेशमंत्री, गृहमंत्री, ऊर्जामंत्री सहित अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर नेपाल, भारत और बांग्लादेश के बीच हुए ऊर्जा समझौता लागू करने की मांग की है।

नेपाल के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने नेपाल से 40 मेगावाट बिजली लेने में दिलचस्पी दिखाई है। बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के समय नेपाल, भारत और बांग्लादेश के बीच 40 मेगावाट बिजली की खरीद-बिक्री के समझौते की तारीख 28 जुलाई तय की गई थी। लेकिन बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम के चलते बांग्लादेश ने जुलाई के दूसरे हफ्ते में पत्र भेजकर समझौते को स्थगित करने का अनुरोध किया था।

बांग्लादेश में नेपाल के राजदूत घनश्याम भंडारी ने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस नेपाल से बिजली आयात करने को लेकर सकारात्मक हैं। उन्होंने कहा कि ऊर्जा समझौते से जुड़े सभी दस्तावेज पहले ही पूरे हो चुके हैं। अब केवल तीन देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर करना बाकी है।

ऊर्जा मंत्रालय के प्रवक्ता चिरंजीवी चटौत ने कहा कि अब तक बांग्लादेश के तरफ से कोई औपचारिक पत्र नहीं मिला है, लेकिन 40 मेगावाट बिजली खरीद और बिक्री समझौते की तारीख तय करने के लिए विभिन्न चैनलों के माध्यम से बातचीत की जा रही है।

तीनों देशों के मंत्रियों की मौजूदगी में नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी, भारत के एनटीपीसी इलेक्ट्रिसिटी ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एनवीवीएन) और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। प्राधिकरण के पास हर साल बरसात के पांच महीने यानी 15 जून से 15 नवंबर तक बांग्लादेश को बिजली बेचने का समझौता है।

हर साल पांच महीनों में कुल 144,000 मेगावाट घंटे बिजली का निर्यात किया जाएगा। बांग्लादेश को बिजली बेचने पर प्राधिकरण को प्रति यूनिट 6.40 अमेरिकी सेंट (बुधवार की विनिमय दर के अनुसार लगभग 8 रुपये 55 पैसे) मिलेंगे। अथॉरिटी के मुताबिक, पांच महीने में आमदनी 92 करोड़ 16 हजार अमेरिकी डॉलर (बुधवार के एक्सचेंज रेट के मुताबिक 1 अरब 23 करोड़) होगी।

प्राधिकरण को भारत में मुजफ्फरपुर बिंदु पर नेपाल और भारत के बीच ढलकेबर-मुजफ्फरपुर 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से बांग्लादेश को निर्यात की जाएगी। यानी बांग्लादेश को निर्यात होने वाली बिजली का मीटर मुजफ्फरपुर (भारत) में लगेगा। ढलकेबर से मुजफ्फरपुर तक ट्रांसमिशन लाइन की तकनीकी लीकेज का खर्च प्राधिकरण खुद उठाएगा। भारत की ट्रांसमिशन लाइन के जरिए मुजफ्फरपुर से बेहरामपुर (भारत)-भेडामारा (बांग्लादेश) 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन के जरिए बांग्लादेश तक बिजली पहुंचेगी।

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