Friday , September 20 2024
झारखंड से विशेष लगाव, यहां आना तीर्थ यात्रा जैसा : द्रौपदी मुर्मू

झारखंड से विशेष लगाव, यहां आना तीर्थ यात्रा जैसा : द्रौपदी मुर्मू

रांची। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड के प्रति मेरा विशेष लगाव है। धरती आबा बिरसा मुंडा की धरती पर आना मेरे लिए तीर्थ यात्रा के समान है। यहां के लोगों से बहुत स्नेह मिला है। राज्यपाल के तौर पर मैंने यहां कई वर्षों तक काम किया है। वे शुक्रवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह को संबोधित कर रही थीं।

राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2017 में इस संस्थान की तरफ से आयोजित किसान मेला का उद्धाटन किया था। मैं यहां पहले भी कई बार आ चुकी है। उस समय में मैंने लाह उत्पादन में अच्छा कार्य कर रहे किसानों को सम्मानित भी किया था। उस समय मुझे बताया गया कि किसान कैसे लाह द्वारा कैसे लाभान्वित होते थे। आज इस संस्थान के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर मुझे अत्यंत खुशी हो रही है।

मुर्मू ने कहा कि जानकारी मिली कि जो रॉ लाह होता है वह 100-200 में भेजा जाता था लेकिन बाद में जब विदेश भेजा जाता था तो उसकी कीमत 3000-4000 होता था। मैं जब दौरा करती थी राज्य के अलग-अलग जिला में तो मैं पलामू गई थी। पलामू जाने पर मुझे पता चला कि पलामू का नाम पलाश, लाह और महुआ के नाम पर रखा गया है।

हमारे देश के कई राज्य में लाह की फार्मिंग की जाती है। भारत के कुल उत्पादन का 55 प्रतिशत से अधिक लाख उत्पादन झारखंड में किया जाता है। भारत में लाह का उत्पादन जनजातियों के द्वारा किया जाता है। अंत में उन्होंने कहा कि मैं सभी किसान भाई बहनों, संस्थान से जुडे़ सभी लोगों, यहां उपस्थित सभी लोगों के स्वर्णिम भविष्य की कामना करती हूं।

ALSO READ: लखनऊ में युवक ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com