लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े वित्तीय घोटाले का खुलासा करते हुए रियल एस्टेट ब्रोकर राजीव त्यागी और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत 14.89 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई ED के लखनऊ जोनल ऑफिस द्वारा की गई है, जिसने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इस खबर की पुष्टि की है।
जब्त की गई संपत्तियों में फ्लैट, वाणिज्यिक दुकानें, और आवासीय तथा औद्योगिक भूखंड शामिल हैं। ये सभी संपत्तियां राजीव त्यागी, उनके दो बेटों अमर्त्य राज त्यागी और कर्णिश्क राज त्यागी, तथा अन्य कंपनियों के नाम पर पंजीकृत हैं।
यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब सीबीआई, गाजियाबाद ने मंस साई कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसमें विभिन्न धाराओं के तहत ऋण धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। जांच में यह पता चला कि राजीव त्यागी और उनकी पत्नी मेनू त्यागी ने मिलकर एक संगठित अपराध की साजिश रची, जिसके तहत उन्होंने बैंकों से धोखाधड़ी से ऋण प्राप्त किया।
राजीव त्यागी ने नकली दस्तावेजों और बढ़ी हुई मूल्यांकन रिपोर्टों के जरिए ऋण लेने की कोशिश की, जिससे बैंक को लाखों का नुकसान हुआ। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि ये ऋण अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए गए, जो कि एक गंभीर वित्तीय अपराध है।
प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर किया है। इस घोटाले में और भी लोगों के शामिल होने की संभावना है, जिससे यह मामला और भी जटिल होता जा रहा है।
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