लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवगठित उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की पदाधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें आयोग के गठन के उद्देश्यों, दायित्वों और अधिकारों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही नारी शक्ति वंदन अधिनियम प्रभावी होगा, जिसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी।
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महिलाओं के नेतृत्व क्षमता विकास पर जोर
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आयोग को महिलाओं में नेतृत्व क्षमता विकास के लिए विस्तृत कार्यक्रम तैयार करना चाहिए, ताकि उन्हें इस अधिनियम का वास्तविक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग को महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
जनपदीय प्रवास के दौरान संवाद
मुख्यमंत्री ने आयोग की पदाधिकारियों को सलाह दी कि वे जनपदीय प्रवास के दौरान स्थानीय महिलाओं से सरकार की महिला समर्थित योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में संवाद करें। यदि कोई पात्र महिला योजनाओं से वंचित है, तो आयोग को उनके लिए संस्तुति करनी चाहिए।
महिला संरक्षण गृहों का निरीक्षण
आयोग को महिला संरक्षण गृहों का भ्रमण कर वहां निवासरत महिलाओं की प्रतिभा और क्षमता के सही उपयोग पर सुझाव देने के लिए भी कहा गया। उन्होंने कहा कि कई महिलाएं शिक्षित और हुनरमंद हैं, जिनका सही उपयोग किया जा सकता है।
हेल्पलाइन और समन्वय
मुख्यमंत्री ने महिलाओं की समस्याओं के समाधान के लिए स्थापित हेल्पलाइन ‘1090’, ‘181’, और ‘112’ की कार्यप्रणाली पर भी चर्चा की। उन्होंने आयोग की सदस्यों से अपेक्षा की कि वे इस प्रणाली का निरीक्षण करें और उसके सुधार के लिए सुझाव दें।
आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता
मुख्यमंत्री ने आयोग के सुचारु कामकाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया, ताकि आयोग अपने दायित्वों को प्रभावी ढंग से निभा सके।
यह बैठक राज्य सरकार की महिलाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है और यह सुनिश्चित करती है कि प्रदेश में महिला सुरक्षा और कल्याण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।