प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केवल मुआवजा पाने के उद्देश्य से एससी/एसटी एक्ट के तहत झूठी प्राथमिकी दर्ज कराने वालों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एससी/एसटी एक्ट एक कानूनी सुरक्षा है, जो ऐतिहासिक रूप से वंचित और हाशिए पर रहने वाले समूहों को सुरक्षा प्रदान करता है। पूर्वाग्रहों का सामना कर रहे लोगों की सुरक्षा के लिए बनाए गए प्रावधानों का हथियारीकरण और दुरुपयोग इन कानूनों की मूल भावना को कमजोर करता है। इससे जनता का न्याय प्रणाली में विश्वास खत्म होता है। सच्ची समानता को साकार करने के लिए इन कानूनी प्रावधानों को ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने DGP को दिए निर्देश
- जिलों के पुलिस अधिकारियों को आवश्यक सर्कुलर जारी करें
- धारा 182 IPC, BNS 2023 की धारा 217 पर विचार कर सकें
- प्रावधानों के आह्वान के संबंध में टिप्पणियों पर विचार कर सकें
- न्यायालय की टिप्पणियों, SC/ST अधिनियम पर विचार कर सकें
- HC ने अधिनियम 1989 SC/ST एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताई
- अधिनियम पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए बनाया गया
- कुछ व्यक्ति मुआवज़े के लिए एक्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं
- FIR दर्ज करने से पहले शिकायतों की जांच करें
- जिससे 1989 के कानून के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा…
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