मुंबई : शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत को एक बार फिर जेल की हवा खानी पड़ेगी। मुंबई की माझगांव कोर्ट ने उन्हें 15 दिन की जेल की सजा सुनाई है। यह सजा राउत द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया पर शौचालय घोटाले का आरोप लगाने के मामले में दी गई है।
कोर्ट ने माना कि राउत का यह आरोप न केवल तथ्यहीन था, बल्कि यह मेधा सोमैया की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुँचाने वाला था। उनके खिलाफ दायर मानहानि के मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि राउत ने जानबूझकर और आपराधिक इरादे से यह आरोप लगाया, जो कि समाज में गलत संदेश फैलाने वाला है।
संजय राउत ने अपनी बात रखते हुए आरोप लगाया कि यह एक राजनीतिक साजिश है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि वह अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन यह भी कहा कि वह अपनी बातों पर कायम रहेंगे।
इस मामले में राउत की गिरफ्तारी महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर सकती है, खासकर ऐसे समय में जब शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा के बीच तीखी प्रतिकूलताएँ जारी हैं। राउत की पार्टी इस फैसले को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रही है और उनका कहना है कि यह भाजपा की चाल का हिस्सा है ताकि विपक्ष को कमजोर किया जा सके।
कोर्ट ने राउत को निर्देश दिया है कि वह अपनी सजा काटें, और यह मामला अब उच्च न्यायालय में चुनौती दिए जाने की संभावना है। इस फैसले ने न केवल राउत की राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया है, बल्कि इससे महाराष्ट्र की राजनीति में नए सिरे से विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं।
संजय राउत का यह दूसरा मामला है जिसमें उन्हें जेल की सजा सुनाई गई है, जिससे उनकी पार्टी के नेता और समर्थक काफी चिंतित हैं। अब देखना यह है कि राउत अपनी अगली रणनीति के तहत कैसे आगे बढ़ते हैं और क्या वे इस फैसले को चुनौती देंगे।