Monday , October 7 2024
दुग्ध मूल्य के भुगतान में कोई विलम्ब नहीं होगा और इस कार्य में किसी भी प्रकार की उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए 1000 नई समितियों का गठन और पराग उत्पादों की मार्केटिंग पर जोर: धर्मपाल सिंह

उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने 07 अक्टूबर 2024 को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों को कई निर्देश दिए, जिनका मुख्य उद्देश्य राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना और दुग्ध समितियों को सुदृढ़ करना था। मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश में बंद पड़ी दुग्ध समितियों को जल्द से जल्द पुनः चालू किया जाए, और वर्तमान में संचालित समितियां किसी भी स्थिति में बंद न होने पाएं।

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दुग्ध समितियों के गठन और पुनर्गठन का लक्ष्य:

श्री सिंह ने यह निर्देश दिया कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए 1000 नई दुग्ध समितियों के गठन और पुनर्गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे शीघ्र पूरा किया जाए। इसके लिए एक सुदृढ़ कार्ययोजना तैयार करने पर जोर दिया गया। इसका उद्देश्य दुग्ध उत्पादन के नेटवर्क को विस्तृत करना और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और संसाधनों की उपलब्धता को बढ़ाना है।

पराग उत्पादों की मार्केटिंग:

श्री सिंह ने राज्य के प्रमुख दुग्ध ब्रांड “पराग” के दुग्ध उत्पादों की मार्केटिंग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि “पराग” के उत्पादों को उपभोक्ताओं के बीच अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए एक ठोस रणनीति अपनाई जाए, ताकि ब्रांड की पहुंच और बिक्री दोनों में वृद्धि हो सके। इससे राज्य में दुग्ध उत्पादकों और पशुपालकों की आय में भी वृद्धि होगी।

किसानों और पशुपालकों के लिए जागरूकता अभियान:

मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के किसानों और पशुपालकों को दुग्ध उत्पादन में नई तकनीकों से जोड़ने और उन्हें प्रशिक्षित करने का कार्य तेजी से किया जाए। उनका मानना है कि नई तकनीकों और जानकारी का उपयोग करने से प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में सुधार हो सकता है, जिससे राज्य के दुग्ध उद्योग को एक नई ऊंचाई मिल सकती है।

बजट की समीक्षा:

बैठक में श्री सिंह ने विगत 6 महीनों में विभिन्न योजनाओं में आवंटित बजट और उसके उपयोग की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शेष बजट को तत्काल जारी कर सही तरीके से उपयोग किया जाए। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक मद के लिए आवंटित राशि को उसी मद के कार्यों में खर्च किया जाए और एक-एक रुपये का सदुपयोग सुनिश्चित हो।

डेयरी प्लांटों का संचालन:

दुग्ध विकास मंत्री ने राज्य के कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज में स्थित पीसीडीएफ (प्रादेशिक सहकारी दुग्ध संघ) के डेयरी प्लांटों के संचालन पर भी जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन डेयरी प्लांटों का संचालन एनडीडीबी (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड) को सौंपने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि इन प्लांटों से दुग्ध उत्पादन और वितरण को बढ़ावा मिल सके।

समय पर भुगतान की व्यवस्था:

श्री सिंह ने किसानों और पशुपालकों के हितों को प्राथमिकता देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि उन्हें उनके दुग्ध उत्पादों का भुगतान निर्धारित समय पर किया जाए। किसी भी प्रकार की देरी को स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने शेष बकाया का शीघ्र भुगतान करने के निर्देश भी दिए।

दुग्ध संघों को जारी किया गया भुगतान:

बैठक में बताया गया कि सितंबर 2024 से अब तक 4171.86 लाख रुपये का भुगतान दुग्ध संघों को किया गया है। गोण्डा, कानपुर, मथुरा, वाराणसी, झांसी और फिरोजाबाद के दुग्ध संघों ने सितंबर माह के लिए भुगतान प्रक्रिया पूरी कर ली है। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि राज्य में 18,108 निबंधित दुग्ध समितियों में से 7,094 समितियां कार्यरत हैं।

भ्रमण और अनुश्रवण:

प्रत्येक दुग्ध संघ द्वारा दो समितियों का भ्रमण एवं अनुश्रवण किया जा रहा है। पिछले एक महीने में 714 कार्यरत और 428 अकार्यरत समितियों का दौरा किया गया है, जिससे कुल 1,142 समितियों का निरीक्षण हुआ। इस निरीक्षण का उद्देश्य समितियों के संचालन को सुचारू बनाए रखना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है।

प्रमुख सचिव के आश्वासन:

दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री के. रवीन्द्र नायक ने मंत्री जी को आश्वासन दिया कि बंद पड़ी दुग्ध समितियों को पुनः सक्रिय किया जाएगा और संचालित समितियों को सुदृढ़ करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि दुग्ध मूल्य के भुगतान में कोई विलम्ब नहीं होगा और इस कार्य में किसी भी प्रकार की उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उच्चाधिकारियों की उपस्थिति:

इस बैठक में दुग्ध विकास विभाग के विशेष सचिव श्री राम सहाय यादव, पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक श्री आनंद कुमार सिंह, दुग्ध आयुक्त श्री राकेश कुमार मिश्रा, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

इस प्रकार, इस बैठक में राज्य के दुग्ध उत्पादन, समितियों के संचालन, मार्केटिंग और किसानों के हितों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो राज्य के दुग्ध क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।

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