लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पीएमश्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करना और बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देना है।
राज्य के 724 चिन्हित पीएमश्री विद्यालयों में कुल दो लाख 70 हजार से अधिक विद्यार्थियों का अध्ययन हो रहा है। सरकार ने इन विद्यालयों के एसएमसी (स्कूल प्रबंध समिति) सदस्यों, ग्राम प्रधानों, शिक्षकों और स्थानीय प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन बैठकों का मुख्य लक्ष्य अभिभावकों को शिक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करना और बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना है।
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बैठकों का आयोजन शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों द्वारा किया जा रहा है। इसमें अभिभावकों से उनके बच्चों की पढ़ाई में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि शिक्षकों ने बैठक से पूर्व संभावित ड्रॉपआउट बच्चों और अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की सूचियाँ तैयार की हैं। इसके साथ ही, डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के तहत यूनिफॉर्म और अन्य लाभ प्राप्त करने वाले बच्चों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
इन बैठकों में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करने और उन्हें स्कूल वापस लाने की रणनीति पर विचार किया जाएगा। अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की निगरानी और नियमित रूप से स्कूल आने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करने का कार्य भी किया जाएगा।
राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षक व्यक्तिगत रूप से अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें इन बैठकों में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि एसएमसी के सदस्यों और ग्राम प्रधानों की अधिकतम भागीदारी हो, ताकि शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ सके।
इस अभियान के तहत योगी सरकार की योजना है कि अभिभावकों को अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति जिम्मेदार बनाते हुए उन्हें सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से बेहतर शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाया जाए। यह पहल न केवल बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी उजागर करेगी।