उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में मुख्यमंत्री द्वारा संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया गया। 283 छात्र-छात्राओं को लाभ, भारतीय संस्कृति को समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी।
बलरामपुर। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का शुभारंभ किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रति छात्रों का रुझान बढ़ाना और भारतीय ज्ञान परंपरा को समृद्ध करना है। जनपद बलरामपुर में आयोजित छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम में 283 छात्र-छात्राओं को इस योजना का लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम का आयोजन: डायट सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी संस्कृत विद्यालयों के प्राचार्य और छात्रों की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि विधायक बलरामपुर सदर पल्टूराम एवं जिला विद्यालय निरीक्षक ने मां सरस्वती के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
संस्कृत भाषा का महत्व: विधायक पल्टूराम ने अपने संबोधन में संस्कृत भाषा को भारतीय परंपरा, संस्कार और शिष्टाचार का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि “संस्कृत भाषा का योगदान भारतीय ज्ञान परंपरा और संस्कृति को समृद्ध बनाए रखने में अतुलनीय है।” यह छात्रवृत्ति योजना छात्रों में संस्कृत के प्रति रुचि जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
लाभार्थियों की संख्या: जिला विद्यालय निरीक्षक मृदुला आनंद ने बताया कि बलरामपुर जनपद में चार संस्कृत विद्यालयों के 283 छात्र-छात्राएं इस छात्रवृत्ति योजना से लाभान्वित होंगे। इस मौके पर विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षकों को उनके शिक्षा क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन: कार्यक्रम का संचालन श्री चंदन कुमार पांडे ने किया। इस आयोजन ने न केवल छात्रों को प्रोत्साहित किया, बल्कि संस्कृत शिक्षा के महत्व को भी उजागर किया।