“पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद में चार साल के तनाव के बाद सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हुई। दिवाली पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच मिठाई बांटने की परंपरा निभाई जाएगी। पेट्रोलिंग को लेकर जल्द ही ग्राउंड कमांडर्स की बातचीत होगी।”
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दोनों देशों के सैनिक डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों से पीछे हट गए हैं। लगभग चार वर्षों से चले आ रहे इस तनावपूर्ण विवाद का समाधान हाल ही में एक महत्वपूर्ण समझौते के तहत हुआ है, जो दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
दिवाली पर जवानों के बीच मिठाई का आदान-प्रदान
इस बार दिवाली के अवसर पर भारत और चीन के सैनिक एक विशेष परंपरा का पालन करते हुए एक-दूसरे को मिठाई खिलाएंगे। हर साल दोनों देशों के जवान सीमावर्ती क्षेत्रों में इस परंपरा का निर्वहन करते हैं, जो दोस्ती और सद्भाव का प्रतीक है।
सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया और आगे की रणनीति
लद्दाख के डेपसांग और डेमचोक इलाकों से सैनिकों के हटने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब ग्राउंड कमांडर्स (ब्रिगेडियर स्तर और नीचे के अधिकारी) के बीच जल्द ही पेट्रोलिंग पर बातचीत की जाएगी। इस पर अंतिम सहमति विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को दी, जिसमें उन्होंने कहा कि सैनिकों का पीछे हटना एक शुरुआती कदम है, और तनाव कम करने के लिए और भी कदम उठाए जाने की जरूरत है।
तनाव कम करने की दिशा में विदेश मंत्रालय की टिप्पणी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा विवाद समाधान के बारे में कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि चीन भी इसी तरह तनाव कम करने का इच्छुक है। केवल सैनिकों की वापसी से ही नहीं बल्कि सीमा पर दीर्घकालिक स्थिरता के लिए उचित प्रबंधन रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास का निर्माण
यह निर्णय दोनों देशों के बीच स्थिरता और शांति का एक सकारात्मक संकेत है। दिवाली के मौके पर सैनिकों के बीच मिठाई का आदान-प्रदान और ग्राउंड कमांडर्स के बीच आगामी बातचीत से आपसी विश्वास में वृद्धि की संभावना है।
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मनोज शुक्ल