लखनऊ/नोएडा। नोएडा के विवादास्पद हैसिंडा लोटस 300 प्रोजेक्ट में निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व IAS अधिकारी मोहिंदर सिंह से आठ घंटे लंबी पूछताछ की। यह पूछताछ एक महीने में दूसरी बार हुई है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील बन गया है।
मोहिंदर सिंह, जो नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) रहे हैं, से ED ने प्रोजेक्ट में उनकी भूमिका और कथित अनियमितताओं के बारे में गहन सवाल किए।
हालांकि, इस पूछताछ में अधिकांश सवालों पर मोहिंदर सिंह मौन रहे और उन्होंने ज्यादातर आरोपों का ठीकरा अपने बाद के अधिकारियों पर फोड़ा।
ED सूत्रों के अनुसार, जांच में अब तक यह सामने आया है कि मोहिंदर सिंह के कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णयों में अनियमितताएं पाई गईं।
ED का यह भी कहना है कि वह मोहिंदर सिंह के साथ-साथ अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रहा है, ताकि धोखाधड़ी के इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सके।
इससे पहले भी ED ने मोहिंदर सिंह से स्मारक घोटाले में पूछताछ की थी, जिसमें उनकी भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। अब नोएडा के इस प्रोजेक्ट में उनकी संलिप्तता की जांच की जा रही है, जिससे इस मामले की गंभीरता और बढ़ गई है।
निवेशकों की भारी संख्या में शिकायतों और शिकायतों के बावजूद, इस मामले में एक महीने में दूसरी बार मोहिंदर सिंह से पूछताछ की गई है, जो इसे और भी विवादास्पद बना रहा है।
ED की जांच अब इस बात पर केंद्रित है कि क्या मोहिंदर सिंह ने जानबूझकर धोखाधड़ी की या फिर अनजाने में अनियमितताओं को बढ़ावा दिया।
इस पूरे मामले में जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है, और आगे आने वाले दिनों में कई अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की संभावना जताई जा रही है।