” नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के 247 नाले गंगा में गंदगी बहा रहे हैं, जबकि प्रयागराज में कुम्भ से पहले 40 नालों से गंगा में गंदगी जा रही है। क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2022 तक गंगा सफाई का वादा पूरा हो पाएगा?”
नई दिल्ली/ प्रयागराज। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि गंगा का पानी आचमन और पीने लायक नहीं है। उत्तर प्रदेश में 247 नाले सीधे गंगा में गंदगी बहा रहे हैं, जिससे न केवल जल की गुणवत्ता खराब हो रही है, बल्कि पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ रहा है। खासकर प्रयागराज, जो 2025 में कुम्भ महापर्व की मेज़बानी करेगा, वहां 40 नालों से गंदगी गंगा में गिर रही है।
क्या मोदी सरकार गंगा सफाई मिशन में तेजी लाएगी, या यह एक और अधूरा वादा बनकर रह जाएगा? जानें इस पर NGT की रिपोर्ट और अगले कदमों के बारे में…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने का वादा किया था और 2022 तक इसे साफ करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन अब 2024 में भी गंगा की सफाई की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। इसके बावजूद, NGT के अनुसार, सरकार और प्रशासन के प्रयासों के बावजूद नालों के बहाव को रोकने में कमी आई है।
क्या गंगा सफाई मिशन को लेकर अब भी ठोस कदम उठाए जाएंगे, या यह एक और अधूरा वादा रह जाएगा?
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि गंगा का पानी आचमन और पीने लायक नहीं है, क्योंकि यूपी में 247 नाले सीधे गंगा में गंदगी बहा रहे हैं। खासतौर पर प्रयागराज, जहां कुम्भ महापर्व होने वाला है, वहां 40 नालों से गंदगी गंगा में जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक गंगा सफाई का वादा किया था, लेकिन अब 2024 में भी गंगा की स्थिति सुधारने में सरकार को कठिनाई हो रही है।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल