“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉजिस्टिक्स सेक्टर के एकीकृत विकास के लिए तैयार स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान और पीपीपी परियोजनाओं के लिए गाइडलाइन्स की समीक्षा की।”
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर लॉजिस्टिक्स सेक्टर के एकीकृत विकास के लिए तैयार किए गए स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए गाइडलाइन्स का प्रस्तुतीकरण देखा और इसकी समीक्षा की। उन्होंने राज्य में लॉजिस्टिक्स और परिवहन क्षेत्र को आधुनिक और कुशल बनाने के लिए इस योजना को महत्वपूर्ण बताया।
मुख्यमंत्री ने दिए आवश्यक निर्देश:
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति शृंखला में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाए। उन्होंने जोर दिया कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत परियोजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।
प्रस्तुतीकरण के मुख्य बिंदु:
- स्टेट लॉजिस्टिक्स प्लान:
उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक्स हब बनाने के लिए भौतिक, डिजिटल और नियामक अवसंरचना का विकास।
सभी प्रमुख शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए योजनाएं।
माल ढुलाई और परिवहन लागत को कम करने के लिए कुशल तकनीकों का उपयोग।
- पीपीपी गाइडलाइन्स:
निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश।
निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर और सुगम प्रक्रियाएं।
परियोजनाओं के जोखिम को संतुलित करने के लिए प्रभावी तंत्र।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का लॉजिस्टिक्स सेक्टर राज्य की अर्थव्यवस्था के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। इस योजना के माध्यम से न केवल उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि यूपी को निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बनाया जाए।
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आधुनिकीकरण और रोजगार पर विशेष जोर:
रेलवे, सड़क और हवाई मार्गों को जोड़ने के लिए मल्टीमॉडल परिवहन नेटवर्क का विकास।
ई-कॉमर्स, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स सपोर्ट को बढ़ावा।
युवाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना।
विशेष कार्ययोजना:
राज्य में लॉजिस्टिक्स पार्कों और गोदामों की स्थापना।
डिजिटलीकरण के माध्यम से लॉजिस्टिक्स प्रक्रियाओं को सरल और तेज बनाना।
ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देना।