“असम सरकार ने करीमगंज जिले का नाम बदलकर ‘श्रीभूमि’ रखने का फैसला लिया है। यह नाम कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के शब्दों से प्रेरित है, जिन्होंने 100 साल पहले इस भूमि को मां लक्ष्मी की भूमि के रूप में वर्णित किया था।”
असम। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। बराक घाटी के करीमगंज जिले का नाम बदलकर अब ‘श्रीभूमि’ रखा जाएगा। यह नामकरण कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के इतिहासिक वर्णन से प्रेरित है, जिन्होंने करीमगंज को एक सदी पहले मां लक्ष्मी की भूमि ‘श्रीभूमि’ के रूप में चित्रित किया था। असम सरकार ने इस लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करते हुए इस ऐतिहासिक निर्णय को मंजूरी दी है।
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मुख्यमंत्री ने इस निर्णय पर कहा कि यह कदम न केवल असम के इतिहास को सम्मानित करता है, बल्कि क्षेत्रीय पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजने का कार्य करेगा। यह नामकरण क्षेत्रवासियों के लिए गर्व का विषय है और साथ ही राज्य की सांस्कृतिक एकता को भी बढ़ावा देगा।
असम के इस बदलाव को लेकर राज्यभर में खुशी का माहौल है और लोग इस फैसले को एक ऐतिहासिक मोड़ के रूप में देख रहे हैं। यह नामकरण असम की संस्कृति और साहित्य को भी नई दिशा दे सकता है।
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विशेष संवाददाता:
मनोज शुक्ल