“ज्ञानवापी विवाद पर यूपी के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि विवादित जगह पर इबादत करना इस्लाम में गुनाह है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विश्वनाथ मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।”
नई दिल्ली। ज्ञानवापी परिसर में वजू खाने को खोलकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) से सर्वे कराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी किया है। इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश के मंत्री और निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने विवादित बयान देते हुए कहा कि “भारत भारतीयों का है। जब इस्लाम धर्म में विवादित जगह पर इबादत करना गुनाह है, तो उन लोगों को यह जमीन छोड़ देनी चाहिए।”
संजय निषाद ने कहा, “अदालत का फैसला आने के बाद जैसे अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ, वैसे ही काशी में बाबा विश्वनाथ का मंदिर भी बनेगा। यह भारत के इतिहास और धार्मिक आस्थाओं का हिस्सा है।”
इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास बताया है। वहीं, हिंदू पक्ष ने संजय निषाद के बयान का समर्थन किया है।
ज्ञानवापी मामला क्या है?
ज्ञानवापी परिसर को लेकर विवाद वर्षों पुराना है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल काशी विश्वनाथ मंदिर का हिस्सा था, जिसे मुगल शासक औरंगजेब के आदेश पर ध्वस्त कर मस्जिद में बदल दिया गया। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह मस्जिद ऐतिहासिक रूप से उनकी संपत्ति है।