“वक्फ संशोधन बिल पर इस सत्र में कोई निर्णय नहीं होगा। संसदीय संयुक्त समिति का कार्यकाल बजट सत्र तक बढ़ सकता है। राज्यों और अन्य स्टेकहोल्डर्स से बातचीत जारी है।”
नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल पर इस सत्र में कोई चर्चा या पास होने की संभावना नहीं है। इस मुद्दे पर गठित संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) का कार्यकाल बजट सत्र के अंतिम सप्ताह तक बढ़ सकता है। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने आज हुई बैठक में सदस्यों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगें 28 नवंबर को सदन में पेश की जाएंगी।
समिति के कार्यकाल विस्तार की जरूरत
बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने कार्यकाल बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि कई राज्यों और स्टेकहोल्डर्स से बातचीत अभी अधूरी है। राज्यों को भेजे गए सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं, और बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद इस प्रक्रिया में देरी हो रही है।
दिल्ली सरकार को मौका देने की मांग
बैठक में दिल्ली वक्फ संपत्तियों पर चर्चा हुई। विपक्षी सांसदों ने मांग की कि दिल्ली सरकार के मंत्री या मुख्यमंत्री को अपने पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए। उनका कहना था कि इससे पहले दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिकारियों ने सरकार का पक्ष सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया।
29 नवंबर को समाप्त हो रहा समिति का कार्यकाल
संयुक्त समिति का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसे बढ़ाने के लिए सदन की अनुमति जरूरी है। इसके बिना समिति का कार्य अधूरा रह जाएगा।
बिल पर चर्चा फिलहाल स्थगित
सूत्रों के अनुसार, वक्फ संशोधन बिल को लेकर चल रहे संवाद में अभी समय लगेगा। ऐसे में, मौजूदा शीतकालीन सत्र में इस बिल पर कोई चर्चा नहीं होगी। ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही इसे सदन में पेश किया जाएगा।
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मनोज शुक्ल