“इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस को गर्भवती महिला और उसके बच्चे को छह घंटे हिरासत में रखने पर फटकार लगाई। इसे शक्तियों का दुरुपयोग और मानवाधिकारों का उल्लंघन करार दिया।”
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सख्त रुख अपनाया है। यह मामला एक गर्भवती महिला और उसके दो वर्षीय बच्चे को छह घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखने का है।
क्या है मामला?
महिला के परिवार ने अपहरण के एक मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने महिला और उसके बच्चे को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया, लेकिन उन्हें छह घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इसे अवैध करार देते हुए पुलिस की कड़ी आलोचना की।
HC की कड़ी टिप्पणी
हाईकोर्ट ने इस मामले को “शक्तियों का दुरुपयोग और यातना” बताया। कोर्ट ने कहा कि पुलिस का यह रवैया मानवाधिकारों का उल्लंघन है और किसी भी कानून व्यवस्था के तहत इसे सही नहीं ठहराया जा सकता।
SC की पहले की गई टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी मामले में यूपी पुलिस को फटकार लगाई थी और इसे न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया था।
मानवाधिकारों पर सवाल
यह मामला न केवल यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि मानवाधिकारों के हनन का गंभीर मुद्दा भी बन गया है। कोर्ट ने पुलिस को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने और संवेदनशीलता बरतने का निर्देश दिया है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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