उत्तर प्रदेश के हजारों किसान आज फिर दिल्ली की ओर कूच करने को तैयार हैं, जिसके चलते नोएडा से जुड़ी सभी सीमाओं को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। किसानों को रोकने के लिए यहां 5000 से अधिक पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए गए हैं। नोएडा में बैरिकेडिंग के बाद सभी वाहनों की सघन जांच की जा रही है, जिससे नोएडा से दिल्ली जाने वाले सभी रास्तों पर भारी जाम देखने को मिल रहा है।
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें दिल्ली जाने से रोका गया तो वे बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने दिल्ली कूच की योजना को बनाए रखते हुए अधिकारियों से साफ कहा है कि जब तक उनके प्रमुख मुद्दों का समाधान नहीं होगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। रविवार को यमुना प्राधिकरण के सभागार में प्रशासन के साथ हुई वार्ता भी असफल रही, जहां अधिकारियों ने किसानों को यह आश्वासन दिया कि शासन स्तर पर इस मुद्दे पर फैसला लिया जाएगा, लेकिन किसान नेताओं ने इसे नकारते हुए आंदोलन जारी रखने की बात की।
किसान नेताओं का कहना है कि वे तब तक शांत नहीं होंगे जब तक 10 फीसदी विकसित भूमि और नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ उन्हें नहीं मिल जाते। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने मुख्यमंत्री से बातचीत कराने का वादा किया है, लेकिन किसान नेताओं ने इसे तब तक स्वीकार नहीं किया जब तक मुख्य सचिव सकारात्मक रिपोर्ट नहीं पेश करते।
आंदोलन की इस कड़ी में अब तक नोएडा और दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, और किसानों का दिल्ली कूच अब एक बड़ा राजनीतिक संकट बनता जा रहा है।