“लखनऊ में हुई NCCOEEE की बैठक में विद्युत निगमों के निजीकरण को लेकर विरोध आंदोलन का ऐलान किया गया है। 13 दिसंबर को ‘बिजली निजीकरण विरोधी दिवस’ मनाया जाएगा और 22 दिसंबर को लखनऊ में आयोजित होगी विशाल बिजली पंचायत।”
लखनऊ: देशभर में विद्युत निगमों के निजीकरण को लेकर जबरदस्त विरोध हो रहा है। कई विद्युत कर्मचारी संगठनों ने मिलकर एक बड़ा ऐलान किया है और देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत की है। इसी सिलसिले में लखनऊ में NCCOEEE (नेशनल कंफेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगर उत्तर प्रदेश में बिजली निगमों के निजीकरण के संदर्भ में कोई भी एकतरफा फैसला लिया जाता है तो इस पर देशव्यापी विरोध आंदोलन छेड़ा जाएगा। साथ ही, 13 दिसंबर 2024 को देशभर में ‘बिजली निजीकरण विरोधी दिवस’ मनाया जाएगा। इसके अलावा, 13 और 19 दिसंबर को विरोध सभाएं भी आयोजित की जाएंगी।
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निजीकरण के खिलाफ यह आंदोलन और विरोध कार्यक्रम 22 दिसंबर को लखनऊ में और 25 दिसंबर को चंडीगढ़ में विशाल बिजली पंचायत के रूप में आयोजित किए जाएंगे, ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके और विद्युत निगमों के निजीकरण की प्रक्रिया को रोकने के लिए जन जागरूकता फैलायी जा सके।
इस आंदोलन में प्रमुख रूप से शैलेन्द्र दुबे, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भी अपनी आवाज उठाई है और सरकार से निजीकरण की प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
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