अयोध्या। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को उनकी बढ़ती उम्र के मद्देनजर कार्यमुक्त करने का निवेदन किया है।
1 मार्च 1992 से रामलला की सेवा कर रहे आचार्य सत्येंद्र दास पिछले 34 वर्षों से मुख्य अर्चक के रूप में मंदिर में पूजा-अर्चना का जिम्मा संभाल रहे हैं।
ट्रस्ट ने उनके योगदान को सराहते हुए उन्हें आजीवन वेतन देने की घोषणा की है। आचार्य सत्येंद्र दास को जब भी राममंदिर आने और पूजा-अर्चना करने की इच्छा होगी, उन्हें इसकी पूरी स्वतंत्रता होगी।
100 रुपये से 38,500 रुपये तक का सफर
आचार्य सत्येंद्र दास ने राममंदिर में अपनी सेवा की शुरुआत महज 100 रुपये के वेतन से की थी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद उनका वेतन बढ़ाकर 38,500 रुपये कर दिया गया। वर्तमान में राम मंदिर में आचार्य सत्येंद्र दास सहित कुल 14 पुजारी सेवा दे रहे हैं।
इनमें चार सहायक पुजारी लंबे समय से मंदिर में कार्यरत हैं, जबकि नौ नए पुजारियों की हाल ही में नियुक्ति की गई है।
ट्रस्ट का सम्मान और भविष्य की योजना
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने आचार्य सत्येंद्र दास के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि उनका योगदान अमूल्य है और उन्हें हमेशा आदरपूर्वक याद किया जाएगा।
मंदिर प्रशासन ने नए पुजारियों की नियुक्ति के साथ ही मंदिर की भविष्य की पूजा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की योजना पर भी कार्य किया है।
राम मंदिर के प्रति आचार्य सत्येंद्र दास का समर्पण और उनकी दीर्घकालिक सेवा हमेशा श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगी।