“भारत सरकार ने नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त कर शिक्षा में नई व्यवस्था लागू की है। अब फेल होने पर छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोशन नहीं मिलेगा। पढ़ें पूरी खबर।”
नई दिल्ली: भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक बड़ा बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने “नो डिटेंशन पॉलिसी” को समाप्त कर दिया है। यह नीति साल 2009 में लागू की गई थी, जिसका उद्देश्य यह था कि कक्षा 8 तक छात्रों को फेल न किया जाए। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत, छात्रों को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा।
क्या है नो डिटेंशन पॉलिसी?
नो डिटेंशन पॉलिसी के अंतर्गत कक्षा 8 तक किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जाता था। इस नीति का उद्देश्य शिक्षा के प्रति छात्रों और उनके अभिभावकों में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना था। हालांकि, समय के साथ यह देखा गया कि छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट आई।
नीति समाप्त करने के पीछे कारण
- गुणवत्ता में गिरावट: छात्रों में पढ़ाई के प्रति गंभीरता कम हो गई थी।
- शिक्षकों की शिकायतें: शिक्षक लंबे समय से यह मुद्दा उठा रहे थे कि इस नीति से शिक्षा का स्तर प्रभावित हो रहा है।
- रिपोर्ट्स: राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) की रिपोर्ट्स में यह देखा गया कि छात्रों की बुनियादी कौशल क्षमताएं कमजोर हो रही थीं।
नई व्यवस्था के लाभ
- छात्रों में प्रतियोगिता की भावना बढ़ेगी।
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
- छात्रों को मेहनत करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं
इस फैसले पर छात्रों और अभिभावकों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ इसे सकारात्मक बदलाव मानते हैं, जबकि कुछ इसे छात्रों पर दबाव बढ़ाने वाला कदम मानते हैं।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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