जौनपुर में एक भूमि विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें अधिवक्ता की जान चली गई। आरोप है कि पड़ोसियों ने अधिवक्ता की बेरहमी से पिटाई की और फिर जबरन जहर पिला दिया। घटना के बाद गंभीर हालत में अधिवक्ता को वाराणसी के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरुवार, 26 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।
मौत से पहले अधिवक्ता का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने सात लोगों पर लात-घूंसों से पिटाई और जहर देने का आरोप लगाया है। इन आरोपियों में एक पुलिस दरोगा का नाम भी शामिल है।
पुलिस ने की कार्रवाई
वीडियो को आधार बनाते हुए पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। घटना ने जौनपुर में सनसनी फैला दी है, और अधिवक्ता संघ ने इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है।
परिवार का आरोप: साजिश के तहत हत्या
अधिवक्ता के परिवार ने आरोप लगाया है कि यह हत्या एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। परिवार के अनुसार, भूमि विवाद लंबे समय से चल रहा था, और इसे लेकर पहले भी धमकियां दी गई थीं।
सवालों के घेरे में दरोगा की भूमिका
मामले में दरोगा का नाम आने से पुलिस विभाग पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। अधिवक्ता संघ और स्थानीय लोगों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
अधिवक्ता संघ का विरोध प्रदर्शन
घटना के विरोध में अधिवक्ता संघ ने न्यायालय का कार्य ठप करते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि इस मामले में सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना है कि पुलिस इस मामले में कितनी तेजी और पारदर्शिता से कार्रवाई करती है।
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