“दूरसंचार विभाग ने सिम कार्ड नियमों में बदलाव कर साइबर धोखाधड़ी पर सख्ती बढ़ाई। फर्जी सिम कार्ड उपयोगकर्ताओं पर 3 साल का बैन और ब्लैकलिस्टिंग की जाएगी।”
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देशभर में बढ़ते साइबर फ्रॉड मामलों को देखते हुए सिम कार्ड खरीदने और इस्तेमाल से जुड़े नियमों को और सख्त बना दिया है। दूरसंचार विभाग (DOT) ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनका मकसद फर्जी सिम कार्ड का उपयोग और धोखाधड़ी को रोकना है।
क्या है नया नियम?
- फर्जीवाड़ा करने पर प्रतिबंध:
जो व्यक्ति किसी अन्य नाम पर सिम कार्ड खरीदकर साइबर अपराध में शामिल होंगे, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। ऐसे लोगों को अगले 3 साल तक नया सिम कार्ड लेने की अनुमति नहीं होगी। - SMS धोखाधड़ी पर रोक:
फर्जी संदेश भेजने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उनके नंबर को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। - KYC प्रक्रिया में सख्ती:
सिम कार्ड खरीदने के लिए अब पूरी तरह से डिजिटल और सख्त KYC प्रक्रिया लागू की जाएगी। फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का उद्देश्य
दूरसंचार विभाग ने बताया कि इन नए नियमों का उद्देश्य मोबाइल यूजर्स को साइबर धोखाधड़ी से बचाना है। बढ़ते ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल ट्रांजेक्शन के बीच मोबाइल नंबर से जुड़े अपराधों में तेजी आई है। सरकार का यह कदम यूजर्स को सुरक्षित डिजिटल अनुभव प्रदान करेगा।
सख्ती के अन्य उपाय
- फर्जीवाड़े में शामिल नंबरों का तुरंत निलंबन।
- ऐसे नंबर जारी करने वाले डीलर्स पर जुर्माना।
- हर सिम कार्ड का डिजिटल रिकॉर्ड रखने की अनिवार्यता।
मोबाइल यूजर्स को कैसे मिलेगा फायदा?
सरकार के इस फैसले से सिम कार्ड से जुड़े साइबर फ्रॉड मामलों में कमी आएगी। यूजर्स को अधिक सुरक्षा और विश्वास के साथ मोबाइल सेवाओं का उपयोग करने में मदद मिलेगी।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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