“मुरादाबाद के नागफानी क्षेत्र में 44 साल बाद गौरी शंकर मंदिर का ताला खोला गया। खुदाई में खंडित मूर्तियां, शिवलिंग और 1954 का नक्शा मिला। जानें पूरी खबर।”
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में 1980 के दंगों के बाद बंद पड़े गौरी शंकर मंदिर का ताला 44 साल बाद खोला गया। नागफानी क्षेत्र के झब्बू के नाले के पास स्थित इस मंदिर में प्रशासन की निगरानी में खुदाई करवाई गई, जिसमें भगवान गणेश, शंकर और नंदी महाराज की खंडित मूर्तियां मिली हैं।
मंदिर में 1954 का एक नक्शा भी मिला, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। यह मंदिर दंगों के दौरान मलबे में दब गया था। स्थानीय निवासी सेवा राम के प्रयासों से मंदिर को दोबारा खोला गया।
1980 के दंगों की पृष्ठभूमि:
मंदिर को बंद करने की कहानी दंगों से जुड़ी है। सेवा राम, जो मंदिर के पुजारी भीमसेन के परपोते हैं, ने बताया कि 1980 के दंगों में उनके दादा की हत्या कर दी गई थी, और उनका शव भी नहीं मिला। मंदिर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में स्थित है, जिस कारण इसे 44 साल तक कोई देखभाल नहीं मिली।
मूर्ति और संरचना:
खुदाई में भगवान गणेश, शिव और नंदी महाराज की मूर्तियां बरामद हुई हैं। हालांकि, अधिकांश मूर्तियां खंडित अवस्था में हैं। मंदिर की दीवारों पर हनुमान जी की मूर्ति भी उकेरी गई है। मंदिर के गर्भगृह को नगर निगम की टीम ने साफ किया और जल्द ही इसे पुनर्स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
प्रशासन का बयान:
एसडीएम सदर राम मोहन मीणा ने कहा कि मंदिर परिसर की दीवार तोड़कर गर्भगृह को खोला गया है। सफाई कार्य पूरा होने के बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा। शिवलिंग को कोई क्षति नहीं पहुंची है, और इसे मूल रूप में स्थापित करने की योजना है।
स्थानीय प्रतिक्रिया:
इस घटना के बाद क्षेत्र में चर्चा का माहौल है। 44 साल बाद मंदिर का खुलना, मूर्तियों का मिलना और ऐतिहासिक नक्शे की खोज ने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को फिर से उजागर किया है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल