योगी सरकार ने ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ अभियान के तहत 2 लाख कुंतल से अधिक पराली एकत्रित कर किसानों को 1.5 लाख कुंतल गोवंश खाद वितरित की। इससे पर्यावरण संरक्षण और जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है। इस अभिनव पहल से किसानों को प्राकृतिक खाद मिल रही है, जिससे भूमि की उर्वरता में वृद्धि हो रही है।
लखनऊ । योगी सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से ‘पराली के बदले गोवंश खाद’ योजना शुरू की है। यह पहल न केवल पराली जलाने की घटनाओं में कमी ला रही है, बल्कि किसानों को प्राकृतिक और जैविक खाद भी उपलब्ध करवा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस अभियान के तहत अब तक 2,90,208.16 कुंतल पराली एकत्रित की गई और किसानों को 1,55,380.25 कुंतल गोवंश खाद दी गई।
यह अभियान खासकर उन जिलों में सफल रहा, जहां किसानों ने बड़ी संख्या में पराली एकत्रित की और गोवंश खाद का लाभ उठाया। इन जिलों में वाराणसी, बांदा, बदायूं, जालौन, बरेली, अमेठी, सिद्धार्थनगर और बहराइच प्रमुख हैं। इस पहल से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है, जिससे रासायनिक खादों का प्रयोग कम हो रहा है और भूमि की उर्वरता में वृद्धि हो रही है।
योगी सरकार की यह योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि कर रही है। इसके तहत गो-आश्रय स्थलों से गोवंश खाद वितरण के द्वारा पशुपालन विभाग भी सक्रिय रूप से जुड़ा है, जिससे निराश्रित गोवंश के संरक्षण में मदद मिल रही है ।
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