“महाकुंभ में इस बार पंडालों के आकर्षक और थीम आधारित प्रवेश द्वार श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। एयरोप्लेन, शिवलिंग और त्रिशूल जैसे रूपों में बने प्रवेश द्वार शिविरों की पहचान बन गए हैं।”
महाकुंभनगर। महाकुंभ में अखाड़ा क्षेत्र इस समय बेहद आकर्षक और भव्य रूप में सजा हुआ है। इस बार के महाकुंभ में शिविरों के प्रवेश द्वार खास आकर्षण का केंद्र बने हैं। इन द्वारों में एयरोप्लेन, शिवलिंग, त्रिशूल और मुकुट के आकार के डिज़ाइन से लेकर विभिन्न रंगतों और थीम पर आधारित द्वारों की सुंदरता ने श्रद्धालुओं का ध्यान खींचा है। महाकुंभ में इस बार शिविरों के प्रवेश द्वार न केवल आकर्षक हैं, बल्कि ये श्रद्धालुओं को उनके मंजिल तक पहुंचाने का आसान तरीका भी बन रहे हैं।



इन शिविरों के प्रवेश द्वार बनाने में देशभर के कई कलाकारों ने अपना योगदान दिया है, जिनमें कोलकाता, वाराणसी और दक्षिण भारत के कारीगर शामिल हैं। इन प्रवेश द्वारों को बनाने में लगभग 10 से 15 दिन का समय लगा है और इनकी लागत लाखों रुपयों में बताई जा रही है। यह प्रवेश द्वार अब शिविरों की पहचान बन गए हैं और श्रद्धालुओं के लिए मार्गदर्शक का काम कर रहे हैं।
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