उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में यूपी एग्रीज परियोजना के तहत विश्व बैंक और भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के साथ 4000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना राज्य के कृषि और ग्रामीण उद्यमों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
लखनऊ, 13 जनवरी 2025: उत्तर प्रदेश के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। आज, पौष पूर्णिमा के दिन, यूपी एग्रीज परियोजना (उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग प्रोजेक्ट) का ऐतिहासिक समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह लखनऊ में आयोजित हुआ। इस समझौते पर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह और विश्व बैंक की ओर से भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर श्री ऑगस्टे तानो कौमे ने हस्ताक्षर किए।
यह परियोजना लगभग 4000 करोड़ रुपये की है, जिसमें 3000 करोड़ रुपये का ऋण विश्व बैंक से प्राप्त होगा, जिसे 35 वर्षों में चुकाया जाएगा। इस परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश के 28 जिलों में कृषि उत्पादकता को राष्ट्रीय औसत तक लाने की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही, राज्य में फिशरीज और कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कारगो प्लेनों के जरिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक्सपोर्ट की व्यवस्था की जाएगी, जो देश में उत्तर प्रदेश का पहला प्रयास है।
मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने इस मौके पर कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य राज्य को कृषि के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र बनाना है और इससे प्रदेश की 60 फीसदी आबादी की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने विश्व बैंक का धन्यवाद करते हुए भरोसा दिलाया कि इस परियोजना को राज्य में सर्वोत्तम तरीके से लागू किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स श्री अनुराग यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत सरकार में आर्थिक मामलों के विभाग के निदेशक श्री सिमरनदीप सिंह और परियोजना के टास्क टीम लीडर श्री विनायक घटाटे ने भी इस परियोजना की पुष्टि की।
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