लखनऊ।
एलडीए भूखंड फाइलें गायब मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) से करोड़ों रुपये मूल्य के 30 से अधिक भूखंडों की फाइलें गायब पाई गई हैं। यह खुलासा विजिलेंस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई के बाद हुई जांच में सामने आया है। एलडीए प्रशासन ने अब इन भूखंडों के आवंटियों से दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है। यदि आवंटियों द्वारा वैध दस्तावेज नहीं दिए गए, तो इन भूखंडों को नीलाम किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार, गायब फाइलों में गोमतीनगर, जानकीपुरम, वृंदावन योजना जैसी एलडीए की प्रमुख आवासीय योजनाओं के भूखंड शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, इन फाइलों की अनुपलब्धता से न केवल प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, बल्कि करोड़ों की हेराफेरी की आशंका भी जताई जा रही है।
गौरतलब है कि करीब दो वर्ष पहले एलडीए में 149 भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री का मामला भी उजागर हुआ था, जिसकी जांच अब भी विजिलेंस टीम द्वारा की जा रही है। उसी सिलसिले में यह नई अनियमितता सामने आई है।
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सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ और विजिलेंस विभाग की टीमों ने एलडीए के अभिलेखागार, कंप्यूटर रिकॉर्ड और रजिस्ट्रियों की गहन जांच की, जिसमें कई भूखंडों की मूल फाइलें उपलब्ध नहीं पाई गईं। इन फाइलों में आवंटन पत्र, स्वीकृति आदेश, भुगतान की रसीदें आदि दस्तावेज गायब हैं। इससे स्पष्ट होता है कि प्राधिकरण के भीतर ही कोई बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा था।
एलडीए अधिकारियों का कहना है कि यदि कोई आवंटी भूखंड से जुड़े दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका, तो उन्हें कानूनी रूप से अमान्य घोषित कर दिया जाएगा। भूखंडों की नीलामी से जो धनराशि प्राप्त होगी, उसे सार्वजनिक हित में खर्च किया जाएगा।
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